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सात माह में नहीं बन पायी 6.5 किमी की सड़क

बोकारो : केंद्र व राज्य सरकार दावा है कि हर दिन दर्जनों किमी सड़क का निर्माण किया जा रहा है. सड़क निर्माण के जरिये ही विकास की इबारत गढ़ी जा रही है. ये सभी बात राष्ट्र स्तर पर हो सकती है, लेकिन बोकारो में यह दावा बिल्कुल खोखला साबित हो रहा है. कारण बना है […]

बोकारो : केंद्र व राज्य सरकार दावा है कि हर दिन दर्जनों किमी सड़क का निर्माण किया जा रहा है. सड़क निर्माण के जरिये ही विकास की इबारत गढ़ी जा रही है. ये सभी बात राष्ट्र स्तर पर हो सकती है, लेकिन बोकारो में यह दावा बिल्कुल खोखला साबित हो रहा है. कारण बना है 6.55 किमी सड़क का निर्माण. दरअसल चंद्रपुरा व बोकारो को जोड़ने वाली पुल के लिए संपर्क पथ निर्माण के लिए शिलान्यास दिसंबर 2017 में किया गया था. शिलान्यास बोकारो विधायक बिरंची नारायण व बेरमो विधायक योगेश्वर प्रसाद महतो बाटुल ने संयुक्त रूप से किया था. बावजूद इसके सात माह बीत जाने के बाद भी संपर्क पथ नहीं बन पाया.

2004 में बना था पुल : चंद्रपुरा को बोकारो से सीधा जोड़ने के लिए 2004 में पुल निर्माण किया गया था. तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने 24 अक्तूबर 2004 को पुल का उद्घाटन किया था. इसके बाद संपर्क पथ बनाने की मांग भी शुरू हुई. बावजूद इसके संपर्क पथ नहीं बना. सरकार आयी और गयी, लेकिन पुल के लिए संपर्क पथ नहीं बना. दिसंबर 2017 में संपर्क पथ शिलान्यास के बाद उम्मीद जगी थी कि सड़क निर्माण जल्द होगा, परंतु अभी तक निर्माण पूरा नहीं हो पाया. विशेष बात यह कि विभाग की ओर से 06 माह में सड़क निर्माण का दावा किया गया था.
45 की जगह मात्र 09 किमी होती दूरी : संपर्क पथ बन जाने के बाद बोकारो से चंद्रपुरा की दूरी मात्र 09 किमी रह जाती. वर्तमान में यह सफर 45 किमी का होता है. अगर, सेक्टर 09 से कूलिंग पौंड होते हुए तुपकाडीह से चंद्रपुरा का सफर किया जाये तो दूरी 33 किमी होती है. हालांकि लोग वर्तमान में भी सड़क का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन बरसात के मौसम में सफर दुर्घटना को आमंत्रित करता है. संपर्क पथ बन जाने से बैदमारो, बास्ते जी, मंदिर घाट, मधुडीह आदि गांव के लोगों को फायदा होता. क्षेत्र की व्यावसायिक गतिविधि बढ़ जाती. उपरोक्त सभी गांव के ज्यादातर विद्यार्थी डीवीसी विद्यालय, चंद्रपुरा में पढ़ाई करने जाते हैं. साथ ही बोकारो के खटाल का ज्यादातर हिस्सा चंद्रपुरा जाता है.
बोकारो-चंद्रपुरा पुल के संपर्क पथ बनने से आम लोगों को होता है फायदा
2013 में भी शुरू हुआ था निर्माण कार्य : 2012 में संपर्क पथ के लिए 11 करोड़ की राशि विभाग की ओर से स्वीकृत की गयी थी. 2013 में संपर्क पथ बनाने की शुरुआत की गयी. लेकिन, फौरन ही इसे रोक दिया गया. संपर्क पथ बनाने के लिए पूर्व मंत्री समरेश सिंह ने भी पहल की थी. 2014 विधानसभा चुनाव के फौरन बाद वर्तमान बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने पहल की शुरुआत की. 2016 में दामोदर बचाओ अभियान के दौरान खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने भी सड़क निर्माण की बात कही थी. दिसंबर 2017 में संपर्क पथ का शिलान्यास भी हुआ, लेकिन निर्माण कार्य अभी भी अधूरा है.
अभी भी वही परेशानी : विभाग की माने तो सड़क निर्माण में जमीन का मसला रोड़ा लगा रहा है. कुछ ग्रामीण जमीन देने से इन्कार कर रहे हैं. ऐसे में निर्माण कार्य बाधित हुआ है. यह वही परेशानी है, जिसका रोना विभाग पिछले कई साल (2013) से रो रहा है. जमीन का मसला अभी भी जारी है. विभाग की माने तो सितंबर तक निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा. निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है.
सड़क निर्माण के लिए एलाइनमेंट का काम हो गया है. 30 प्रतिशत तक काम पूरा हो गया है. कुछ ग्रामीण जमीन के मसले पर रोड़ा अटका रहे हैं. इस संबंध में डीसी से बात की गयी है. समस्या का जल्द समाधान निकलेगा. सितंबर तक निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा.
सुरेंद्र प्रसाद, कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण विभाग- बोकारो

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