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…तो बीएसएल सीइओ के घर की भी बिजली बंद होगी
बोकारो : बोकारो के सेक्टरों में बिजली की अनियमित विद्युत आपूर्ति से लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. एक तो उमस भरी गर्मी ऊपर से बिजली की कटौती. जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. मकान-दुकान में प्रतिदिन औसतन 1000 से 1500 रुपये तक का डीजल जेनेरेटर में जल रहा है. सिटी सेंटर सेक्टर-4 सहित अन्य सेक्टरों के […]
बोकारो : बोकारो के सेक्टरों में बिजली की अनियमित विद्युत आपूर्ति से लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. एक तो उमस भरी गर्मी ऊपर से बिजली की कटौती. जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. मकान-दुकान में प्रतिदिन औसतन 1000 से 1500 रुपये तक का डीजल जेनेरेटर में जल रहा है. सिटी सेंटर सेक्टर-4 सहित अन्य सेक्टरों के दुकानदारों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ गया है. विद्यार्थियों का पठन-पाठन बाधित हो रहा है. रात्रि पाली ड्यूटी कर घर वापस आने के बाद कर्मी को आराम नहीं मिल रहा है.
अगर एक सप्ताह के अंदर सेक्टर में बिजली की आपूर्ति दुरुस्त नहीं हुई, तो बीएसएल सीइओ के घर का भी बिजली बंद कर दिया जायेगा. ये बातें झाविमो केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य डॉ प्रकाश सिंह ने कही. रविवार को झारखंड विकास मोर्चा (प्र) के केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य डॉ प्रकाश सिंह के नेतृत्व में पार्टी के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने रविवार की शाम सेक्टरों में बिजली की चरमायी व्यवस्था को लेकर मोदी सरकार के प्रति रोष व्यक्त करते हुए बीएसएल सीइओ आवास के निकट ‘त्राहिमाम बोकारो सह त्राहिमाम संध्या’ कार्यक्रम का आयोजन किया.
डॉ प्रकाश ने कहा : बिजली की लचर व्यवस्था से आज पूरा बोकारो जूझ रहा है. झारखंड की शैक्षणिक राजधानी कही जाने वाली बोकारो के युवाओं का भविष्य संकट में दिख रहा है. छात्र जब संध्या के समय पढ़ने बैठते हैं, तो बिजली गुल हो जाती है. ऐसे स्थिति में यहां के विद्यार्थियों की शैक्षणिक स्थिति चौपट होने की कगार पर है. बीएसएल कर्मी भी परेशान हैं.
जनता कहीं बिजली से त्रस्त तो कहीं कहीं पानी से : डॉ प्रकाश ने मोदी व रघुवर सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा : ये दोनों ही सरकार एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं, जो आम लोगों की कब्र खोद कर खास लोगों के लिए महल बनाने में लगे हुए हैं. यह सरकार झारखंड में बेसुमार कोयला का लूट मचाकर व उद्योगपतियों से मिलकर दूसरे राज्यों व देश को बिजली दे रहे हैं.
बिजली दरों के साथ-साथ आम-आवाम द्वारा इस्तेमाल रोजमर्रा के सामानों की कीमत को बढ़ाकर सरकार अपना खजाना भर रही है. जनता कहीं बिजली से त्रस्त है तो कहीं कहीं पानी से. आदिवासी नेता रामलाल सोरेन, मिस्टू यादव, सुधीर जायसवाल, दिलीप बाउरी, मो कादरी, नजमुल अंसारी, राजा यादव, सरोज रजक, कार्तिक राय, सुनील उरांव आदि उपस्थित थे.
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