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बोकारो : बोकारो में उड़ान योजना के लिए हुआ समझौता

बोकारो : बोकारो से हवाई यात्रा का सपना जल्द पूरा होगा. बोकारो इस्पात शहर स्थित हवाई अड्डा का इस्तेमाल केंद्र सरकार की उड़ान योजना के लिए होगा. इस संबंध में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआइ) व स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के बीच सोमवार को नयी दिल्ली में समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हो गया. क्षेत्रीय […]

बोकारो : बोकारो से हवाई यात्रा का सपना जल्द पूरा होगा. बोकारो इस्पात शहर स्थित हवाई अड्डा का इस्तेमाल केंद्र सरकार की उड़ान योजना के लिए होगा. इस संबंध में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआइ) व स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के बीच सोमवार को नयी दिल्ली में समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हो गया. क्षेत्रीय कनेक्टिविटी स्कीम के तहत बोकारो में हवाई सेवा मिलेगी.
बोकारो के अलावा राउरकेला व बर्नपुर को भी एमओयू में जगह मिली है. यहां से जल्द ही हवाई जहाज की उड़ान शुरू होगी. समझौता से देश के तीन राज्य उड़िसा, बंगाल व झारखंड को सीधे तौर पर फायदा होगा. हालांकि इन तीनों राज्य में हवाई कनेक्टिविटी है, लेकिन उड़ान योजना से क्षेत्रीय स्तर पर छोटे शहर को भी हवाई मार्ग से जोड़ा जायेगा. इससे सेल के अंदरूनी क्रियाकलाप को भी रफ्तार मिलेगी.
हवाई यात्रा के लिए बोकारो है फिट
हवाई यात्रा के लिहाज से बोकारो हर मामला में फिट है. बोकारो से हर दिन 03 वॉल्वो बस कोलकाता के लिए जाती है. वॉल्वो बस से सफर करने के लिए प्रति व्यक्ति 650 से 700 रुपया का किराया देना होता है. सफर में 05 घंटा लगता है. वहीं उड़ान योजना के तहत प्रति घंटा के लिए 2500 रुपया देना होगा. बोकाराे से कोलकाता तक हवाई सफर में लगभग 60 मिनट का समय लगेगा. इससे चार घंटा समय की बचत होगी. आर्थिक रूप से भी बोकारो हवाई किराया का वहन करने में सक्षम है.
45 सीटर प्लेन से होगी शुरुआत
बोकारो एयरपोर्ट रनवे की लंबाई के अनुसार उड़ान की शुरुआत 45 सीटर प्लेन से होगी. इसके लिए तीन कंपनी से बात भी चल रही है. बीते दिनों एएआई की टीम ने हवाई अड्डा का दौरा किया था. इस दौरान बुनियादी जरूरत पर चर्चा की गयी थी. एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर का निर्माण, अग्निशमन केंद्र, प्रेसीसन एप्रोच पाथ, डिकेटर निर्माण, चहारदीवारी निर्माण, एयरपोर्ट के लिए अनुज्ञप्ति व यात्री-विमान सुरक्षा पर चर्चा की गयी थी.
सेल के लिए हो सकता है फायदे का करार
वर्तमान में पूरे हवाई अड्डे के अनुरक्षण से लेकर अन्य कार्य सेल के खर्च पर होता है, जबकि उपयोग सभी प्रकार के लोग करते हैं. लेकिन इसमें होने वाले व्यय के अनुपात में सेल को आमदनी नहीं होती है. यदि इसे विकसित करने से लेकर अनुरक्षण का कार्य भारत सरकार का एयरपोर्ट अथॉरिटी ले लेता है, तो सेल के लिए यह फायदे का सौदा होगा. वाणिज्यिक एयरपोर्ट के रूप में विकसित होने से इसकी गुणवत्ता भी बेहतर होने के साथ सुरक्षा एवं अन्य संसाधन कम से कम राष्ट्रीय स्तर के हो जायेंगे.

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