जबकि यहां के रैयतों के पास 1932 के सर्वे सेटलमेंट के आधार पर खाता नंबर व प्लॉट नंबर का दस्तावेज मौजूद है. शिकायत करने पर अधिकारी कहते हैं कि एक से दस के बीच वेबसाइट खुला रहता है. इसके माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकते हैं या अंचलाधिकारी को आवेदन देकर शिकायत की जा सकती है. बताया जाता है कि रिविजनल सर्वे 25 वर्ष के अंदर में किया जाता है. साथ ही 35 वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक रिविजनल सर्वे नहीं हुआ है. 1992 में किये गये सर्वे सेटलमेंट का गजट 2016 में प्रकाशित किया गया. पूरे अंचल क्षेत्र का एक सर्वे सेटलमेंट के आधार पर ऑनलाइन के लिये कम्प्यूटराइज्ड नहीं होने से सरकारी कर्मियों को भी परेशानी हो रही है.
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चास व चंदनकियारी प्रखंड क्षेत्र में छह माह से नहीं हो रहा है दाखिल-खारिज
चास : चास-चंदनकियारी प्रखंड में छह माह से दाखिल-खारिज का कार्य नहीं हो रहा है. इससे रैयतों को काफी परेशानी हो रही है. दाखिल-खारिज व लगान रसीद नहीं कट पाने के कारण एक ओर जहां सरकार की राजस्व की क्षति हो रही है, वहीं दूसरी ओर जमीन की खरीद-बिक्री भी नहीं हो पा रही है. […]
चास : चास-चंदनकियारी प्रखंड में छह माह से दाखिल-खारिज का कार्य नहीं हो रहा है. इससे रैयतों को काफी परेशानी हो रही है. दाखिल-खारिज व लगान रसीद नहीं कट पाने के कारण एक ओर जहां सरकार की राजस्व की क्षति हो रही है, वहीं दूसरी ओर जमीन की खरीद-बिक्री भी नहीं हो पा रही है. गौरतलब हो कि सभी दस्तावेजों को का काम 20 सितंबर से ऑनलाइन कर दिया गया है, लेकिन अभी तक ऑनलाइन दाखिल-खारिज शुरू नहीं हो पाया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार पोर्टल पर सिर्फ दस्तावेज देखने को मिल रहा है, लेकिन दाखिल-खारिज करने का पोर्टल काम नहीं कर रहा है. मामले में अंचल से लेकर जिला के कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नही हैं. सिर्फ कहते हैं कि ऑनलाइन प्रक्रिया में आ रही तकनीकी परेशानी को दूर करने का काम किया जा रहा है.
दो पार्ट में किया गया दस्तावेजों को कम्प्यूटराइज्ड : चास अंचल क्षेत्र में 176 राजस्व ग्राम हैं. इनमें से 48 गांव बीएसएल के अधीन हैं. इन सभी गांवों का अलग-अलग सर्वे के आधार पर कम्प्यूटराइज्ड किया गया है. चास अंचल क्षेत्र के 65 व चंदनकियारी अंचल क्षेत्र में 68 गांवों की जमीन का 1982 के सर्वे सेटलमेंट के आधार पर कम्प्यूटराइज्ड किया गया है. जबकि दोनों अंचल क्षेत्र के शेष गांवों की जमीन 1932 के आधार पर सर्वे सेटलमेंट के आधार पर कम्प्यूटराइज्ड किया गया है. जानकारी के अनुसार 1982 के सर्वे सेटलमेंट के अनुसार की गयी डाटा इंट्री में काफी खामियां देखने को मिल रही है साथ ही जमीन का खाता व प्लॉट नंबर भी बदल गया है.
अभी तक नहीं खुला लगान पोर्टल
चास-चंदनकियारी अंचल क्षेत्र में ऑनलाइन लगान जमा करने के लिये जिला प्रशासन की ओर से पोर्टल नहीं खोला गया है. इस दिशा में जिला प्रशासन की ओर से काम किया जा रहा है. लगान की राशि जमा नहीं होने से जमीन की खरीद-बिक्री भी प्रभावित हो रही है. इस कारण चास अंचल व रजिस्ट्री विभाग को भी राजस्व की क्षति हो रही है.
सभी दस्तावेजों का कम्प्यूटराइज्ड कर दिया गया है. इसमें आने वाले सभी तकनीकी समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. रैयतों के प्राप्त शिकायतों के आधार पर सभी त्रुटियों को दूर किया जायेगा. आशा है कि शीघ्र ही सफलतापूर्वक ऑनलाइन दाखिल-खारिज व लगान रशीद कटने लगेगा. इस प्रक्रिया से जमीन का फर्जीवाड़ा रोकने में सफलता मिलेगी. इसलिये रैयतों को परेशान होने की जरूरत नहीं है.
जूगनु मिंज, अपर समाहर्ता, बोकारो
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