लेकिन, टेक्नो इंडिया इस आइटीआइ को चालू नहीं करा सकी.
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करोड़ों रुपयों के सरकारी भवनों में भूतों का डेरा
चास: चास आइटीआइ परिसर में महिला आइटीआइ भवन का निर्माण पांच वर्ष पूर्व कराया गया था. लेकिन, अभी तक यह चालू नहीं हुआ है. उपयोग नहीं होने और देखरेख के अभाव में भवन दिनों दिन जर्जर हो रहा है. महिलाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देने के लिए इस भवन का निर्माण श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग […]
चास: चास आइटीआइ परिसर में महिला आइटीआइ भवन का निर्माण पांच वर्ष पूर्व कराया गया था. लेकिन, अभी तक यह चालू नहीं हुआ है. उपयोग नहीं होने और देखरेख के अभाव में भवन दिनों दिन जर्जर हो रहा है. महिलाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देने के लिए इस भवन का निर्माण श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से कराया गया था. लगभग दो करोड़ रुपये खर्च हुए थे. गौरतलब हो कि वित्तीय वर्ष 2008-09 में राज्य सरकार की ओर से चास आइटीआइ परिसर में महिला आइटीआइ खोलने का फैसला लिया गया था.
11 मार्च 2012 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, उप मुख्यमंत्री सुदेश महतो, मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी, स्थानीय सांसद पीएन सिंह व तत्कालीन विधायक समरेश सिंह ने संयुक्त रूप से इस भवन का उद्घाटन किया था. भवन का निर्माण तीन वर्षों में पूरा हो गया. वर्ष 2015 में राज्य सरकार की ओर से टेक्नो इंडिया से आइटीआइ चलाने के लिए एमओयू किया गया था.
40 लाख के छात्रावास का भी उपयोग नहीं हुआ : महिला आइटीआइ भवन के बगल में ही सरकार की ओर से छात्रावास का भी निर्माण कराया गया था. आइटीआइ शुरू नहीं होने से छात्रावास भवन भी जर्जर हो गया है. छात्रावास के आसपास झाड़ियां उग आयी हैं. इस छात्रावास का निर्माण करीब 40 लाख रुपये की लागत से श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग से कराया गया था.
क्या कहते हैं लोग
चास में वर्षों से महिला आइटीआइ के लिए भवन बनकर तैयार है. इसके बाद भी आइटीआइ को शुरू नहीं किया जा रहा है. सरकार महिलाओं के विकास की सिर्फ बात ही करती है.
पार्वती महतो
सरकार की कमजोर इच्छाशक्ति के कारण अभी तक चास महिला आइटीआइ चालू नहीं हो पाया. भवन का निर्माण ठेकेदार को लाभ दिलाने के लिए कराया गया है.
जितेंद्र तिवारी
यह तो जनता के पैसों का दुरुपयोग है. महिला आइटीआइ नहीं खुलने से चास-चंदनकियारी की ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं तकनीकी शिक्षा से वंचित रह रही हैं.
संदीप महतो
सरकार की ओर से कौशल विकास योजना चलायी जा रही है. दूसरी ओर वर्षों से चास महिला आइटीआइ को चालू कराने की दिशा में सरकार व जिला प्रशासन गंभीर नहीं है.
नारायण गोराईं
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