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तीन साल तक कंपनी नुकसान में रही तो नहीं होगा वेज रिविजन

सीपीएसइ के कर्मचारियों के वेतन समझौता के लिए पे रिविजन की अनुशंसा को केंद्र की कैबिनेट ने दी मंजूरी नये आदेश से 12.34 लाख कर्मचारी होंगे प्रभावित एक जनवरी 2017 से लंबित है सेल के मजदूरों का रिविजन बोकारो : सेंट्रल पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज (सीपीएसइ) के कर्मचारियों के वेतन समझौता के लिए पे रिविजन (पीआरसी) […]

सीपीएसइ के कर्मचारियों के वेतन समझौता के लिए पे रिविजन की अनुशंसा को केंद्र की कैबिनेट ने दी मंजूरी
नये आदेश से 12.34 लाख कर्मचारी होंगे प्रभावित
एक जनवरी 2017 से लंबित है सेल के मजदूरों का रिविजन
बोकारो : सेंट्रल पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज (सीपीएसइ) के कर्मचारियों के वेतन समझौता के लिए पे रिविजन (पीआरसी) की अनुशंसा को केंद्र की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. इसमें मजदूरों को भी अफोर्डेबिलिटी क्लाउज को लेकर दायरे में शामिल किया गया है. इसके मुताबिक तीन साल तक कंपनी के नुकसान में रहने की स्थिति में वेज रिविजन संभव नहीं होगा. इस आदेश से 12.34 लाख कर्मचारी प्रभावित होंगे. सेल के मजदूरों का एक जनवरी 2017 से वेतन लंबित है.
एटक का एडीएम पर प्रदर्शन 28 को
सरकारी फैसले में वेतन निर्धारित हो, लेकिन लेबर कास्ट की वर्तमान स्थिति को बनाये रखा जाये. प्रोडक्ट और सर्विस कास्ट न बढ़ाया जाये आदि शामिल है. बोकारो इस्पात कामगार यूनियन एटक ने इसका विरोध किया है. कहा है कि सेल एनजेसीएस की बैठक बुलाये व मजदूरों के वेतन पर चर्चा शुरू करे. अन्यथा एटक 28 नवंबर को बीएसएल प्रशासनिक भवन के समक्ष प्रदर्शन करेगा. एटक का कहना है कि वेतन समझौता के लिए सरकार की ओर से थोपी गयी शर्त स्वीकार नहीं है.
सड़क से संसद तक होगा नीति का विरोध
एटक महामंत्री रामाश्रय प्रसाद सिंह ने कहा : पीआरसीपी अनुशंसा व भारत सरकार के कैबिनेट सरकार की मंजूरी उद्योग व मजदूर विरोधी है. श्री सिंह ने कहा : सेल के मजदूरों का वेतनमान एनजेसीएस में तय होता है, जो सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) की ओर से जारी दिशा निर्देश की शर्तों के अनुसार सीपीएसई के ट्रेड यूनियनों व प्रबंधनों की ओर से चर्चा कर निर्धारित किया जाता है. एटक इस नीति का सड़क से लेकर संसद तक विरोध करेगी

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