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किताबों से प्रेम है तो बनें लाइब्रेरियन

कॅरियर. लाइब्रेरियन का काम किताबों को व्यवस्थित करने तक सीमित नहीं बोकारो : झारखंड की बौद्धिक राजधानी बोकारो के पुस्तक प्रेमी किताबों के बीच कैरियर बना रहे हैं. बोकारो के स्कूलों में लाइब्रेरियन के पद पर कार्यरत कई कर्मी ऐसे हैं, जिनकी शिक्षा-दीक्षा बोकारो से ही हुई है. ये वे स्टूडेंट्स हैं, जिन्हें स्कूल के […]

कॅरियर. लाइब्रेरियन का काम किताबों को व्यवस्थित करने तक सीमित नहीं

बोकारो : झारखंड की बौद्धिक राजधानी बोकारो के पुस्तक प्रेमी किताबों के बीच कैरियर बना रहे हैं. बोकारो के स्कूलों में लाइब्रेरियन के पद पर कार्यरत कई कर्मी ऐसे हैं, जिनकी शिक्षा-दीक्षा बोकारो से ही हुई है. ये वे स्टूडेंट्स हैं, जिन्हें स्कूल के दिनों में किताबी कीड़ा बोला जाता था… जो कोर्स के साथ-साथ ज्ञान को और विस्तृत करने के लिए लाइब्रेरी से किताब इश्यू करा कर पढ़ते थे. किताबों के प्रति रुझान होने के कारण ही इन्होंने किताबों की दुनिया को ही अपना कॅरियर बना लिया है. वैसे भी लाइब्रेरियन की डिमांड बढ़ रही है. इसमें कैरियर की काफी संभावना है. लेकिन, हां इसके लिए बहुत जरूरी यह है कि आपको किताब पढ़ने-पढ़ाने का शौक हो.
कौन होता है लाइब्रेरियन : लाइब्रेरी एक साइंस बन चुकी है. इस साइंस के तीन तरह के काम हैं : पाठकों को सामान्य सेवाएं देना (जैसे-पुस्तकों का आदान-प्रदान), तकनीकी कार्य (किताबों की एंट्री, सूची बनाना या इंडेक्सिंग) प्रशासनिक काम (सुविधाएं बढ़ाने या लाइब्रेरी से संबंधित कामकाज को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क रखना और पुस्तकों की खरीदारी आदि).
लाइब्रेरियन के काम : जानकारी का विश्लेषण करना व यह सुनिश्चित करना कि पाठक को सही समय पर सही किताबें मिल जाएं. रिकॉर्डस तैयार करना. नयी किताबों पर नजर रखना व पाठकों के लिए उन्हें उपलब्ध कराना. साथ ही यह भी सुनिश्चित करवाना कि लाइब्रेरी में किताबें वापस भी आएं. लाइब्रेरी के अंदर बेहतर माहौल तैयार करना. ये वे काम हैं, जिन्हें एक अच्छा लाइब्रेरियन आसानी से कर सकता है.
किस तरह के पद : एक व्यवसाय के रूप में लाइब्रेरियनशिप रोजगार के अनेक अवसर प्रदान करती है. आकार के अनुसार किसी लाइब्रेरी में विभिन्न तरह के लोग होते हैं. सबसे बड़ा पद लाइब्रेरियन या पुस्तकालय प्रबंधक का होता है. यह पद प्रोफेसर पद के समतुल्य है. इसके बाद डिप्टी लाइब्रेरियन (रीडर पद के समकक्ष), असिस्टेंट लाइब्रेरियन (लेक्चरर पद के समतुल्य), लाइब्रेरी असिस्टेंट या टेक्निकल असिस्टेंट आदि के पद होते हैं. सभी लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस में प्रशिक्षित होते हैं.
कॅरियर की संभावना : इस क्षेत्र में आज कॅरियर की कई संभावनाएं हैं. पुस्तकालयों व सूचना केंद्रों में रोजगार दिया जाता है. प्रशिक्षित व्यक्ति पुस्तकालय व सूचना अधिकारी, ज्ञान प्रबंधक/अधिकारी सूचना कार्यपालक, निदेशक/सूचना सेवा अध्यक्ष, प्रलेखन अधिकारी, सहायक लाइब्रेरियन, उप लाइब्रेरियन, वैज्ञानिक सूचना अधिकारी व सूचना विश्लेषक हो सकते हैं.
यहां से करें रेगुलर व डिस्टेंस कोर्स
उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी, हल्द्वानी
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़
इलाहाबाद विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी
डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा
जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली
पटना विश्वविद्यालय, पटना
दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
रोजगार के क्षेत्र
स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, निजी शैक्षिक संस्थानों में तो लाइब्रेरी होती ही है. इसके अलावा सरकारी और निजी संस्थानों में भी लाइब्रेरी के साथ-साथ संदर्भ विभाग या रेफरेंस डिपार्टमेंट होता है. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रसार ने भी रेफरेंस विभाग को बढ़ावा दिया है. कॉरपोरेट कंपनियां भी अपने यहां लाइब्रेरी को प्रमोट कर रही हैं और स्टाफ को आकर्षक सैलरी ऑफर कर रही हैं.
विषय आधारित लाइब्रेरी
आजकल हर तरह की किताबों के लिए सब्जेक्ट स्पेसिफिक लाइब्रेरी खोलने का चलन बढ़ रहा है. यहां तक कि परंपरागत किताबों को भी डिजिटल किया जा रहा है. मोबाइल और कंप्यूटर का चलन बढ़ रहा है, इसलिए प्रकाशक अपनी किताबों को डिजिटल बनाने में जुटे हुए हैं. आजकल ऑनलाइन लाइब्रेरी का चलन चल पड़ा है. लाइब्रेरी साइंस अपने आप में एक बड़ा क्षेत्र है.
लाइब्रेरियन के विशेष गुण
पढ़ने में रुचि
मैनेजमेंट के गुण
टीम प्रबंधन के गुण
तकनीक का ज्ञान
नयी चीजों के बारे में जानने की उत्सुकता
योजनाएं बनाने की क्षमता
बारहवीं पास करने के बाद : पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम (सीएलआइएससी या सीलिब), पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में डिप्लोमा पाठ्यक्रम (डीएलआइएससी या डीलिब)
ग्रेजुएशन के बाद : पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में स्नातक (बीएलआइएससी या बीलिब)
मास्टर डिग्री के लिए : पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में मास्टर (एमएलआईएससी या एमलिब) के लिए किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से बीएलआइएससी अथवा बीलिब
एम फिल या पीएचडी के लिए : पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में एमफिल के लिए किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से एमएलआइएससी अथवा एमलिब, जबकि पीएचडी के लिए किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से एमएलआइएससी.
सर्टिफिकेट या डिप्लोमा कोर्स के लिए योग्यता : बैचलर ऑफ लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस (बीलिब) कोर्स करने के लिए किसी मान्यताप्राप्त संस्थान या विश्वविद्यालय से स्नातक होना जरूरी है, जबकि सर्टिफिकेट या डिप्लोमा कोर्स करने के लिए बारहवीं पास होना आवश्यक है.
कई तरह की लाइब्रेरी
एकेडमिक लाइब्रेरी : इस तरह की लाइब्रेरी शैक्षणिक संस्थानों में होती है.
डिजिटल लाइब्रेरी : इस तरह की लाइब्रेरी फिल्मों के लिए इस्तेमाल होती है.
लर्निंग रिसोर्स सेंटर : आजकल कई तरह के रिसोर्स सेंटर खोले जा रहे हैं, जिनमें सरकारी और निजी, दोनों क्षेत्र शामिल हैं.
ऑनलाइन लाइब्रेरी : इस तरह की लाइब्रेरी इंटरनेट पर उपलब्ध रहती है, जहां पैसा देकर और मुफ्त, दोनों ही तरह से किताबें पढ़ी जा सकती हैं.
बारहवीं पास करने के बाद : पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम (सीएलआइएससी या सीलिब), पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में डिप्लोमा पाठ्यक्रम (डीएलआइएससी या डीलिब)
ग्रेजुएशन के बाद : पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में स्नातक (बीएलआइएससी या बीलिब)
मास्टर डिग्री के लिए : पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में मास्टर (एमएलआईएससी या एमलिब) के लिए किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से बीएलआइएससी अथवा बीलिब
एम फिल या पीएचडी के लिए : पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में एमफिल के लिए किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से एमएलआइएससी अथवा एमलिब, जबकि पीएचडी के लिए किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से एमएलआइएससी.
सर्टिफिकेट या डिप्लोमा कोर्स के लिए योग्यता : बैचलर ऑफ लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस (बीलिब) कोर्स करने के लिए किसी मान्यताप्राप्त संस्थान या विश्वविद्यालय से स्नातक होना जरूरी है, जबकि सर्टिफिकेट या डिप्लोमा कोर्स करने के लिए बारहवीं पास होना आवश्यक है.
कई तरह की लाइब्रेरी
एकेडमिक लाइब्रेरी : इस तरह की लाइब्रेरी शैक्षणिक संस्थानों में होती है.
डिजिटल लाइब्रेरी : इस तरह की लाइब्रेरी फिल्मों के लिए इस्तेमाल होती है.
लर्निंग रिसोर्स सेंटर : आजकल कई तरह के रिसोर्स सेंटर खोले जा रहे हैं, जिनमें सरकारी और निजी, दोनों क्षेत्र शामिल हैं.
ऑनलाइन लाइब्रेरी : इस तरह की लाइब्रेरी इंटरनेट पर उपलब्ध रहती है, जहां पैसा देकर और मुफ्त, दोनों ही तरह से किताबें पढ़ी जा सकती हैं.
लाइब्रेरियन की राय
10 साल से लाइब्रेरियन के पद पर हूं. किताबों की दुनिया बहुत अनोखी है. इसका संसार ही अलग है. अच्छा लगता है किताबों के बीच समय गुजारना. इसी कारण लाइब्रेरियन का कोर्स किया. आपकी शौक के हिसाब से कॅरियर हो तो जॉब करने में मजा आता है. इस क्षेत्र में बेहतर कॅरियर बनाया जा सकता है. हर दिन नया सीखने व जानने का मौका मिलता है.
किशुन पांडेय, सरस्वती विद्या मंदिर,
सेक्टर-3 सी
लाइब्रेरियन का काम आज किताबों को व्यवस्थित करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक हाईटेक काम में तब्दील हो गया है. इसका दायरा भी काफी विस्तृत हो गया है. इसमें करियर की संभावनाएं भी काफी बढ़ गई हैं. अच्छी पुस्तकें अच्छी दोस्त है. उपरोक्त सारी बातें एक अच्छे पुस्तकालय शिक्षक को प्रेरित करती है. आठ माह से लाइब्रेरियन के पद पर कार्यरत हूं.
विश्वदीप चटर्जी, मिथिला अकादमी पब्लिक स्कूल, सेक्टर-4 ई
लाइब्रेरियन बनने के पीछे मकसद था कि अधिक से अधिक किताबों की जानकारी प्राप्त करूं. बच्चों को किताबों के बारे में और रोजमर्रा की सूचनाओं की जानकारी प्रदान करना लक्ष्य है. लाइब्रेरियन के क्षेत्र में कैरियर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुस्तकालयों में पुस्तकालायध्यक्ष के तौर पर जॉब प्राप्त कर सकते है. 14 साल से लाइब्रेरियन के पद पर कार्यरत हूं.
आभा सिन्हा, बोकारो पब्लिक स्कूल,
सेक्टर-3 सी
लाइब्रेरियन के पद पर छह साल से कार्यरत हूं. लाइब्रेरियन कोर्स इसलिए किया कि बच्चों को सही समय पर बुक, सभी तरह की पुस्तक, मासिक पत्रिका, दैनिक समाचार पत्र आदि समय पर उपलब्ध करा सकूं. बच्चों को एक्सट्रा समय लाइब्रेरी का सदुपयोग करा सकूं. टीचर व प्राचार्य के आदेश पर कम समय में अधिक जानकारी उपलब्ध कराना है.
राज कुमार जायसवाल, एआरएस पब्लिक स्कूल, बीएसएल एलएच
लाइब्रेरियन का काम पढ़ने योग्य सामग्री को संगठित करना, उसे डिजिटल लुक देना, सामग्री को प्रभावी ढंग से प्रयोग करने में सहायता करना व विद्यार्थी को सही समय पर सही सूचना प्रदान करना है. लाइब्रेरी अब केवल किताबों के रखने और पढ़ने की जगह भर नहीं रह गयी है, बल्कि नॉलेज सेंटर में तब्दील हो चुका है. लाइब्रेरियन का पद 2016 से संभाल रहा हूं.
रविंद्र कुमार सिन्हा, सशिवि मंदिर, सेक्टर-2 ए
2010 से विद्यालय का पुस्तकालय संचालन कर रहा हूं. विद्यार्थियों के सम्यक विकास के लिए पुस्तकालय एक अहम रोल अदा कर रहा है. जो नियमति रु प से पुस्तकालय से किताब लेते है या पढ़ते है, उनका परीक्षाफल काफी अच्छा हो रहा है. इससे शिक्षक होने के नाते अपार हर्ष का अनुभव होता है. इसमें करियर की असीम संभावना है.
आशीष कुमार पाल, रा.उ. विद्यालय लकड़ाखंदा, सेक्टर-2 ए

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