जिले के 212 किमी इलाके में भारत-बांग्लादेश की अंतराष्ट्रीय सीमा है. दूसरी ओर नेपाल सीमा भी है. इस जिले की सीमाएं पड़ोसी राज्य बिहार से भी मिलती है. जिले के लोगों का कहना है कि रोजगार के साधन का अभाव, अशिक्षा एवं गरीबी के कारण यहां आपराधिक गतिविधियां भी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. इस जिले को मानव तस्करी से लेकर मानव अंगों की तस्करी का गढ़ माना जाता है. उत्तर दिनाजपुर जिले के रायगंज ब्लॉक के विन्दोल गांव के तो लगभग हर घर के एक या कई सदस्यों के किडनी बेची जा चुकी है. जिले की पुलिस इस दिशा में काम तो कर रही है, लेकिन इसको पूरी तरह से रोकने में वे अभी असमर्थ हैं. यह जिला राज्य के दूसरे जिलों से काफी पिछड़ा हुआ है. हालांकि पहले के मुकाबले इनदिनों यहां केंद्र व राज्य सरकारों के विभिन्न विकास योजनाओं पर काम तेजी से हो रहा है.
अभी भी 187 महिलाएं जिले के विभिन्न इलाकों से लापता है. इन इलाकों से 80 बच्चे व किशोर भी लापता है. जिले की सबसे भयावह बात यह है कि, कुछ दलाल ग्रामीणों के गरीबी का फायदा उठाते हुए मोटी रकम का लालच देकर डॉक्टरों व नर्सिंगहोम के साथ मिलकर गुप्त रुप से किडनी निकालकर बेच देते है. रायगंज ब्लॉक के बिन्दोल गांव में लगभग हर घर के कोई ना कोई सदस्य अपनी किडनी इन दलालों के चक्कर में खो चुका है. इन सब के बीच पुलिस व प्रशासन की ओर से लगातार विभिन्न इलाकों में जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. साथ ही दलालों को पकड़ने के लिए छापेमारी भी की जा रही है. स्थानीय लोगों को कहना है जिले से अपराध के खात्मे के लिए पुलिस को अभी बहुत काम करना है.