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निजी चिकित्सकों का आेपीडी होगा आयकर विभाग की निगरानी में

बोकारो: मरीजों से फीस लेने के बाद बिल नहीं देने वाले निजी चिकित्सकों पर सरकार की टेढ़ी नजर है. ओपीडी में मरीजों की जांच करने वाले चिकित्सकों से सरकार अब हिसाब लेगी. चिकित्सक परामर्श सेवाओं को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है. पिछले दिनों दिल्ली में हुई केंद्र सरकार की बैठक का असर […]

बोकारो: मरीजों से फीस लेने के बाद बिल नहीं देने वाले निजी चिकित्सकों पर सरकार की टेढ़ी नजर है. ओपीडी में मरीजों की जांच करने वाले चिकित्सकों से सरकार अब हिसाब लेगी. चिकित्सक परामर्श सेवाओं को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है. पिछले दिनों दिल्ली में हुई केंद्र सरकार की बैठक का असर बोकारो में भी दिख रहा है.

बैठक में कहा गया है कि चिकित्सक बड़े पैमाने पर टैक्स की चोरी करते हैं. इस कारण ओपीडी स्लीप मरीजों को चिकित्सक देंगे. जिस पर ओपीडी फीस अंकित रहेगी. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन चास के पदाधिकारियों ने इस मामले पर सरकार को पुन: विचार करने को कहा है. जबकि सिविल सर्जन डॉ एस मुर्मू सरकार के इस कदम को सही ठहराते हैं.

बोकारो कोर्ट के अधिवक्ता राजीव मालवीय के अनुसार कर चोरी दंडनीय अपराध है. इसमें तीन माह से लेकर सात साल तक की सजा का प्रावधान है. काला धन कानून के तहत कर चोरी करने वालों पर 90 फीसदी तक जुर्माना लगाया जा सकता है.

क्या कहते हैं आइएमए पदाधिकारी व सदस्य
हम क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट व मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट में सुधार कर लागू करने की मांग कर रहे हैं. ऐसे में यह नियम समझ से परे है. सरकार को इस पर विचार करना चाहिए.
डॉ बीके पंकज, उपाध्यक्ष, आइएमए झारखंड
सरकार के हर नियम का स्वागत करते हैं. अभी कई नियमों को लागू करने की लड़ाई हम लड़ रहे हैं. इस नये नियम को लागू करने से पूर्व सरकार को काफी मंथन करने की जरूरत है.
डॉ रणधीर कुमार सिंह, एक्सक्यूटिव सदस्य
ओपीडी स्लिप निजी अस्पतालों में दी जाती है. ऐसे में चिकित्सकों के नाम पर ओपीडी स्लिप का नियम समझ से परे है. सरकार क्या कहना और क्या करना चाहती है. कुछ क्लीयर नहीं है.
डॉ रणवीर कुमार सिंह, सचिव, आइएमए चास
सरकार को कई मुद्दों पर बैठ कर विचार करने की जरूरत है. हम इनकम टैक्स पेड करते हैं. ऐसे में बार-बार नया नियम बनाना चिकित्सकों के मनोबल को हतोत्साहित करना है.
डॉ अमन श्रीवास्तव, अध्यक्ष, आइएमए चास
अपनी मर्जी के नियम सरकार तुरंत ही पारित कर देती है. ऐसे कोई चिकित्सक नहीं है, जो इनकम टैक्स नहीं भरते होंगे. इसके बाद इस तरह का नियम एक तरह से मानसिक दबाव देना है.
डॉ मीता सिन्हा, उपाध्यक्ष, महिला विंग, आइएमए चास
अब तक सरकार ने ऐसी कोई पॉलिसी नहीं बनायी थी. हम इनकम टैक्स पेयी है. इस नयी पॉलिसी से सेवानिवृत्त चिकित्सकों पर अतिरिक्त भार थोपा जायेगा. चिकित्सक परेशान होंगे.
डॉ मिथिलेश कुमार, पूर्व सिविल सर्जन, बोकारो
सरकार की नजर चिकित्सकों पर ही टिकी रहती है. चिकित्सकों को बांधने के लिए नये-नये नियम बनाये जा रहे हैं. पर चिकित्सकों के सुरक्षा का ख्याल सरकार को नहीं आ रहा है.
डॉ संगीत कुमार, पूर्व कोषाध्यक्ष, आइएमए चास
देश में चिकित्सकों की संख्या लगातार कम हो रही है. ऐसे में नये-नये नियम चिंता में डालने वाला है. चिकित्सकों द्वारा ली जा रही राशि का स्लीप तो मरीजों को सभी जगहों पर दी जाती है.
डॉ जाहिद अली सिद्दिकी, सदस्य, आइएमए चास

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