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150 ओबीसी परिवार बना दिये गये एसटी

चास: चास प्रखंड क्षेत्र के राजस्व ग्राम सोनाबाद पंचायत के लगभग 150 ओबीसी परिवार का नाम एसटी सूची में डाल दिया गया है. प्रखंड कार्यालय से सर्वें में यह चूक हुई है. इस कारण यहां के ग्रामीणों का नाम बीपीएल सूची से हट गया है. ग्रामीणों के अनुसार अब उन्हें न तो पीएम आवास योजना […]

चास: चास प्रखंड क्षेत्र के राजस्व ग्राम सोनाबाद पंचायत के लगभग 150 ओबीसी परिवार का नाम एसटी सूची में डाल दिया गया है. प्रखंड कार्यालय से सर्वें में यह चूक हुई है. इस कारण यहां के ग्रामीणों का नाम बीपीएल सूची से हट गया है. ग्रामीणों के अनुसार अब उन्हें न तो पीएम आवास योजना का लाभ मिल रहा है और नहीं किसी भी प्रकार के योजना में इन्हें शामिल किया जाता है.

ग्रामीणों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मदद से कई बार प्रखंड कार्यालय के अधिकारियों को पत्र लिखकर इस भूल को सुधारने की मांग की, लेकिन उनको सिर्फ आश्वासन ही दिया गया. जाति बदल जाने के कारण योजना के लिए दिया गया उनका आवेदन रद्द कर दिया जा रहा है. इसके अलावा सोनाबाद पंचायत में मूलभूत सुविधाओं का भी घोर अभाव है, फिर भी अधिकारियों ने इस पंचायत को राजस्व ग्राम का दर्जा दे दिया है. यह जानकारी सोमवार को सोनाबाद पंचायत में आयोजित प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों ने दी.

बताया कि पंचायत को कागजों में तो राजस्व ग्राम का दर्जा दे दिया गया, लेकिन उनकी समस्याओं को दूर नहीं किया गया. लोग गर्मी में पेयजल के लिये दूसरे गांव के चापाकल पर निर्भर रहते हैं. वहीं पंचायत में कहीं भी नाली का निर्माण नहीं कराया गया है. 80 फीसदी से अधिक सोलर लाइट खराब हो चुके हैं. 11 हजार की आबादी वाले पंचायत में सोनाबाद, बहादुरपुर, आमडीहा को राजस्व ग्राम का दर्जा दिया गया है. वहीं यहां बंधुडीह, हरिडीह, काशीटांड़ गांव हैं. इससे सटे कई टोला भी शामिल है. लगभग गांवों में एक जैसी समस्याएं है

बुजुर्गों को नहीं मिल रही पेंशन
पंचायत में कई ऐसे बुजुर्ग मिले जिन्हें पेंशन की अधिक आवश्यकता है. इनमें 60 से 90 वर्ष तक के बुजुर्ग शामिल हैं, जिन्हें पेंशन का आवेदन करने के बावजूद नहीं मिल रही है. वहीं कई बुजुर्गों ने बताया कि दो-तीन महीने पेंशन मिली जो कि कई वर्ष पहले की बात है, लेकिन उसके बाद पेंशन के लिये कार्यालयों में दौड़ रहे हैं. इसकी शिकायत करने पर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
बेकार पड़ा है स्टेडियम : सोनाबाद में वर्ष 2002 में 48 लाख की लागत से स्टेडियम का निर्माण कराया गया था, लेकिन अधिकारियों की अनदेखी से यह स्टेडियम बेकार पड़ा हुआ है. इस कारण कुछ दबंग स्टेडियम पर अवैध कब्जा करके रखे हुये हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत की खेतीहर जमीन पर स्टेडियम बनाया गया, लेकिन इसका लाभ किसी को नहीं मिल रहा है.
खुले में शौच जाने को विवश हैं ग्रामीण
ग्रामीणों ने बताया कि सरकारी योजनाओं में शामिल प्रधानमंत्री आवास योजना व शौचालय योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. इस कारण आज भी लोग खुले में शौच करने व तालाब में नहाने को विवश हैं. वहीं शौचालय योजना का लाभ 80 फीसदी ग्रामीणों को नहीं मिल पाया है. ग्रामीणों का कहना है उन्होंने आवेदन तो किया था, लेकिन उन्हें पता ही नहीं है कि आवेदन करने के बाद योजना उनके नाम से पास हुई या नहीं.
पंचायत को सभी समस्याओं से निजात दिलाने का प्रयास किया जायेगा. जिन्हें आवास व शौचालय नहीं मिला है, उनसे दोबारा आवेदन लिया जायेगा. . जाति बदलने वाली समस्या को सर्वे कराकर शीघ्र दूर किया जायेगा. इसके लिये प्रखंड पदाधिकारी व उपायुक्त को पत्र लिखा गया है. आदेशानुसार आगे कार्रवाई की जायेगी.
अजित महतो, मुखिया, सोनाबाद पंचायत

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