इस गैंग से आम लोगों को बचाने के लिए एसपी ने सुरक्षा के कई उपाय किये है़ं एसपी के अनुसार, बैंक अधिकारी व आम लोगों को चौकस करने के लिए कोढ़ा गैंग पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखायी जायेगा़ एक सप्ताह के अंदर चास-बोकारो के मुख्य चौक-चौराहाें पर जनसंपर्क विभाग के वाहन पर लगी एलइडी स्क्रीन, मॉल व चास के बाइ पास रोड में लगी एलइडी स्क्रीन में यह डॉक्यूमेंट्री दिखायी जायेगी.
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कोढ़ा गैंग को लेकर लोगों को जागरूक करेगी बोकारो पुलिस
बोकारो: पर्व का मौसम आते ही छिनतई में महारत कोढ़ा गैंग के सदस्य धनबाद व बोकारो शहर सक्रिय हो गये है़ं इसकी सूचना एसपी वाइएस रमेश को मिल गयी है. एसपी ने सभी थाना को एलर्ट कर दिया है. पुलिस की चौकसी बढ़ गयी है. एसपी के अनुसार, उन्हें गुप्त सूचना मिली है कि कोढ़ा […]
बोकारो: पर्व का मौसम आते ही छिनतई में महारत कोढ़ा गैंग के सदस्य धनबाद व बोकारो शहर सक्रिय हो गये है़ं इसकी सूचना एसपी वाइएस रमेश को मिल गयी है. एसपी ने सभी थाना को एलर्ट कर दिया है. पुलिस की चौकसी बढ़ गयी है. एसपी के अनुसार, उन्हें गुप्त सूचना मिली है कि कोढ़ा गैंग सिटी सेंटर या नया मोड़ में बड़ी लूट की घटना को अंजाम देने की फिराक में है़.
यह गैंग लंबे समय से झारखंड, बिहार और बंगाल पुलिस के लिए सिर दर्द साबित होता रहा है़ विगत दो वर्ष में कोढ़ा गैंग ने बोकारो में बैंक से रुपया निकाल कर जा रहे लगभग आधा दर्जन से अधिक लोगों को अपना शिकार बना चुका है़ इस गैंग के सदस्यों की नजर बैंक से अधिक राशि निकासी करने वाले लोगों व जेवरात पहन कर घूमने वाली महिलाओं पर रहती है़ पलक झपकते ही छिनतई कर ये अपराधी हाइ स्पीड बाइक से रफु-चक्कर हो जाते हैं. बाइक चोरी, चेन छिनतई और नशा के माध्यम से लोगों को लूटना भी इनकी कार्यशैली है. इस गिरोह के सदस्य बिहार के कटिहार जिले के कोढ़ा नामक गांव के है़ं यह गांव एनएच 31 के ठीक किनारे है. लेकिन, अब इस गैंग में दूसरे जगहों के अपराधी भी शामिल हो गये है़ं.
इस तरह देते हैं घटना को अंजाम
कोढ़ा गैंग के सदस्य बैंकों के अंदर और बाहर रह कर रेकी करते हैं. घटना के दौरान कुछ अपराधी बाइक पर सवार होकर सड़क किनारे खड़े रहते है़ं गैंग का एक सदस्य बैंक के अंदर वैसे लोगों की तलाश करता है जो बड़ी रकम की निकासी करते है़ं जैसे ही अधिक रुपये की निकासी कर वह बैंक से बाहर निकलता है, इस बात की जानकारी बाइक सवार अपने साथियों को मोबाइल पर दे देता है. इसके बाद बाइक सवार अपराधी सड़क पर रुपये लेकर जा रहे शिकार का पीछा करते हैं और सुनसान जगह पर छिनतई कर फरार हो जाते है़ं
हाइ स्पीड बाइक जरूरी हथियार से रहती है दूरी
कोढ़ा गैंग के सदस्य हथियार के बिना घटना को अंजाम देते हैं. लेकिन, इनके पास हाइ स्पीड बाइक (खासकर अपाची व पल्सर) जरूर होती है. घटना को अंजाम देने के बाद बाइक से तेजी से फरार हो जाते हैं. भीड़-भाड़ वाले जगह से भी निकलना अासान होता है. हथियार लेकर नहीं चलने का लाभ यह भी होता है कि सड़कों पर पुलिस की वाहन जांच में भी पकड़ाने की आशंका नहीं रहती है.
बचपन से ही दी जाती है अपराध की ट्रेनिंग
कोढ़ा गैंग में युवा अपराधियों के साथ-साथ किशोर अपराधियों की भी रखा जाता है. गैंग में शामिल करने से पहले उन्हें बचपन से ही अपराध करने की ट्रेनिंग परिजनों द्वारा ही दी जाती है. झांसा देकर, खुजली वाला दवा लगा कर रुपये और कीमती सामान उड़ाना व बैंकों की रेकी करना इन्हें बचपन से ही सिखाया जाता है. तेज बाइक चलाना इनके प्रशिक्षण का अहम हिस्सा होता है. घटना को अंजाम देने के दौरान पकड़े जाने पर बेरहमी से पिटाई होती है़ इसके कारण इन्हें शारीरिक रूप से चोट से बचने और सहने की भी ट्रेनिंग दी जाती है़
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