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अनदेखी: पीएम आवास व शौचालय निर्माण के नाम पर हो रहा अवैध उत्खनन, अवैध बालू खनन पर अंकुश नहीं

चास: चास-चंदनकियारी में प्रतिबंध के बाद भी अवैध बालू का कारोबार धड़ल्ले से जारी है. सरकारी प्रतिबंध को सफल बनाने के लिये अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति करने में लगे हैं. चास-चंदनकियारी प्रखंड क्षेत्र स्थित गवाईं व इजरी नदी से इन दिनों आधे दर्जन बालू घाटों से अवैध उत्खनन जारी है. गौरतलब हो कि राज्य सरकार की […]

चास: चास-चंदनकियारी में प्रतिबंध के बाद भी अवैध बालू का कारोबार धड़ल्ले से जारी है. सरकारी प्रतिबंध को सफल बनाने के लिये अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति करने में लगे हैं. चास-चंदनकियारी प्रखंड क्षेत्र स्थित गवाईं व इजरी नदी से इन दिनों आधे दर्जन बालू घाटों से अवैध उत्खनन जारी है. गौरतलब हो कि राज्य सरकार की ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना व शौचालय निर्माण को लेकर बालू उत्खनन की छूट दी गयी है. इसके नाम पर इन दिनों अवैध बालू का कारोबार चलाया जा रहा है. इस कारण जहां सरकार को लाखों रुपये का राजस्व चूना लग रहा है, वहीं बालू माफिया कमीशन के तौर पर चंद रुपए खर्च कर मोटी कमाई कर रहे है.

प्रतिबंध का फायदा उठा रहे हैं कारोबारी : प्रतिबंध लगने से पहले बालू प्रति ट्रैक्टर 1500 से 1800 रुपये के बीच बेचा जाता था. प्रतिबंध लगते ही बालू का दर बढ़ा दिया गया. फिलहाल 2500 से 3000 प्रति ट्रैक्टर के दर पर बालू बेचा जाता है. इससे खनन विभाग को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है. गौरतलब हो कि बोकारो जिले में छोटे-बड़े 38 बालू घाट हैं. फिलहाल सात बालू घाट पर्यावरण विभाग की अनुमति नहीं मिलने के कारण बंद है. इन दिनों 31 घाटों से बालू का उत्खनन किया जा रहा है. साथ ही कुछ नदियों में बिना चिह्नित किये भी बालू का अवैध खनन किया जा रहा है. इसके बाद भी विभाग व पुलिस प्रशासन मौन है. कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है.

अवैध बालू कारोबार की छूट किसी को नहीं : इस संबंध में बोकारो जिला खनन पदाधिकारी गोपाल कुमार दास ने कहा कि विभाग की ओर से अवैध बालू उत्खनन के खिलाफ लगातार छापेमारी की जा रही है. इसके बाद भी अगर अवैध बालू का कारोबार जारी है तो अभियान चलाकर छापेमारी की जायेगी. किसी को भी अवैध बालू का कारोबार करने का छूट नहीं दिया जायेगा.

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