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शौचालय में लटका है ताला, कहीं बेंच नहीं
चंदनकियारी: चंदनकियारी प्रखंड के बरमसिया क्षेत्र अंतर्गत गम्हरिया पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय लखीपुर ,आमयनगर पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय व उत्क्रमित उच्च विद्यालय मयूरडूबी में मंगलवार को प्रभात खबर ने शिक्षा व्यवस्था की पड़ताल की. पड़ताल में तीनों सरकारी विद्यालयों में लचर शिक्षा व्यवस्था के साथ-साथ कई मूलभूत सुविधाओं में कमी पायी गयी. कहीं […]
चंदनकियारी: चंदनकियारी प्रखंड के बरमसिया क्षेत्र अंतर्गत गम्हरिया पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय लखीपुर ,आमयनगर पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय व उत्क्रमित उच्च विद्यालय मयूरडूबी में मंगलवार को प्रभात खबर ने शिक्षा व्यवस्था की पड़ताल की. पड़ताल में तीनों सरकारी विद्यालयों में लचर शिक्षा व्यवस्था के साथ-साथ कई मूलभूत सुविधाओं में कमी पायी गयी. कहीं बच्चे प्रधानाध्यापक की नाम नहीं जानते, कहीं शौचालय का उपयोग नहीं होता तो कहीं बच्चे बरामदे में बैठ कर पढ़ने को विवश हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
बोकारो डीइओ महीप कुमार सिंह ने कहा कि 90 प्रतिशत विद्यालयों में बिजली एवं विद्यार्थियों की बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था कर दी गयी है, कुछ बाकी है जिसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा. शौचालय के मामले को लेकर डीएससी के माध्यम से सभी विद्यालयों में उपयोगिता सुनिश्चित
की जायेगी. चंदनकियारी बीइइओ संजय कुमार ने कहा कि सभी मामलों को लेकर जांचोपरांत कार्रवाई की जाएगी.
केस स्टडी एक
उत्क्रमित मध्य विद्यालय लखीपुर में 204 बच्चों में छह शिक्षक पदस्थापित है. विद्यालय के छात्र अपने प्रधानाध्यापक का नाम नहीं जानते. विद्यालय में बिजली है मगर पंखा व बल्ब नहीं है. प्रयास प्रगति प्रतिवेदन पुस्तिका उपलब्ध नहीं है. प्रधानाध्यापक शत्रुघ्न महतो अनुपस्थित थे, लेकिन उनकी हाजरी बनी हुई थी.
केस स्टडी दो
यूएमएस पालकुदरी में 234 बच्चों में छह शिक्षक पदस्थापित है. विद्यालय में बेंच नहीं थे. बच्चे बरामदे में पढ़ते नजर आए. प्रधानाध्यापक तपन कर्मकार का कार्यालय जर्जर है. मगर मध्याह्न भोजन के खाद्यान्न को अच्छे भवन में सुरक्षित रखा गया है. प्रधानाध्यापक ने कहा कक्षा एक व दो के बच्चों की बैठने के लिए बेंच का ऑडर दिया गया है.
केस स्टडी तीन
उत्क्रमित उच्च विद्यालय मयूरडूबी में 409 बच्चों में मात्र चार शिक्षक पदस्थापित है. इस कारण बच्चे बाहर खेल रहे थे. शौचालय में ताला लगा हुआ था. प्रधानाध्यापक प्रमोद किशोर बाउरी के कार्यालय में सारी सुविधा उपलब्ध थी, लेकिन छात्राओं के रूम में न पंखा था और न लाइट. प्रधानाध्यापक ने कहा कि बिजली का कार्य प्रगति पर है, फंड के अभाव के कारण विलंब हुआ है.
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