बोकारो थर्मल: मां का साया उठते ही दर-बदर हो गयी है बोकारो थर्मल कैंप एरिया की 10 वर्षीय लखपति खुशबू़ बोकारो थर्मल गोबिंदपुर एफ पंचायत अंतर्गत कैंप एरिया में झोपड़ी में रहने वाली रीता देवी का गत एक जून को देहांत हो गया था़ मां के मरने के बाद उसकी दस वर्षीय पुत्री खुशबू अनाथ हो गयी थी़ बच्ची के सिर से मां का साया उठने के बाद पंसस रामचंद्र कुमार ने उसे सहारा दिया़ दरअसल रीता देवी ने सहारा इंडिया में लगभग एक लाख रुपया फिक्स करवा रखा था. उसमें नॉमिनी पुत्री खुशबू थी़ सहारा के अभिकर्ता पंसस रामचंद्र ही थे़.
अपनों का बेगानापन : खुशबू की मां रीता देवी का विवाह ग्राम पकरी, पुनपुन, पटना बिहार निवासी सुरेश लाल के साथ हुई थी़ रीता देवी एवं सुरेश को छह संतान हुए़ पति प्रताड़ना से तंग रीता ने पति एवं बच्चों को छोड़ कर हरिलाल श्रीवास्तव से शादी कर ली़ हरिलाल से उसे दो पुत्री हुई़ बड़ी पुत्री ममता एवं पति हरिलाल की बाद में मौत हो गयी़ रीता बोकारो थर्मल में मजदूरी एवं कोयला बेचकर खुशबू के साथ रहने लगी़ रीता की मौत के बाद पुनपुन में रहने वाले उसके दो भाई उसे यहां से ले गये़ खुशबू बताती है कि बाद में मार-पीट कर उसे बोकारो थर्मल स्टेशन पर लाकर छोड़ दिया गया.
डीसी से हस्तक्षेप की अपेक्षा : खुशबू इस तरह से एक बार फिर पंसस रामचंद्र के घर आ गयी. बेरमो पंचायत संघ के मुखिया एसबी सिंह, पंचायत के मुखिया गोपाल रजक, समिति सदस्य रामचंद्र कुमार तथा दीपक रजक खुशबू के मामले को लेकर बेरमो के बीडीओ अखिलेश कुमार से भी मिले़ बीडीओ ने उन्हें बेरमो सीडीपीओ के नाम एक आवेदन देने को कहा. माहेर नामक संस्था ने भी खुशबू को अपनी संस्था में ले जाने की इच्छा जाहिर की, परंतु मुखिया खुशबू के भविष्य को लेकर सशंकित हैं. उन्होंने मामले में हस्तक्षेप कर उपायुक्त से खुशबू को किसी संस्था में रखवाने की पहल करने की मांग की हं. फिलहाल खुशबू पंसस के पास ही है़.