बेरमो : गिरिडीह सांसद रवींद्र कुमार पांडेय ने मंगलवार को लोकसभा के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन बंद होने का मामला उठाया. कहा कि इस रेल लाइन के नीचे आग होने के कारण दुर्घटना की आशंका के मद्देनजर 15 जून से इसे बंद कर दिया गया. इसके कारण करीब पांच लाख से भी ज्यादा की आबादी प्रभावित हुई है.
सांसद ने कहा कि इस रेल खंड का पूरा भाग अग्नि प्रभावित नहीं है. जब वर्षों से इस रेलखंड के नीचे आग होने की जानकारी रेलवे को थी तो क्यों नहीं परिवर्तित मार्ग या डायवर्सन का निर्माण रेल लाइन को बंद करने से पहले किया गया? केंद्र सरकार इस रेल लाइन को बंद करने पर पुन: विचार करते हुए डायवर्सन या नयी रेल लाइन बिछाने का कार्य प्राथमिकता के आधार पर कराये. बंद की गयी सभी ट्रेनों को परिवर्तित मार्ग से चलाया जाये. सांसद ने कहा कि इस रूट पर प्रतिवर्ष एक करोड़ से अधिक यात्री यात्रा करते थे. यह रूट झारखंड की राजधानी रांची को संथाल परगना सहित अन्य राज्यों को जोड़ती है.
इस रूट पर कुल 26 जोड़ी एक्सप्रेस/पैंसेजर ट्रेनें चलती थीं. 19 ट्रेनों को स्थायी तौर पर बंद कर दिया गया और सात ट्रेनों को परिवर्तित मार्ग से चलाया जा रहा है. रेल लाइन बंद होने से क्षेत्र के लोगों में आक्रोश है. विभिन्न पार्टियों व संगठनों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है. वहीं, रेलवे को करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान होने का अनुमान है. बीसीसीएल की विभिन्न परियोजनाओं से उत्पादित कोयला की ढुलाई प्रभावित हुई है. बीसीसीएल को करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है.