बोकारो. सदर अस्पताल में शनिवार को प्रसव के दौरान नवजात की मौत के मामले की जांच शुरू कर दी गयी है. सिविल सर्जन डॉ एस मुर्मू ने रविवार की देर शाम को टीम का गठन कर दिया था. टीम में तीन अस्पतालों के डीएस (उपाधीक्षक) को शामिल किया गया है. जांच के दायरे में जैनामोड़ […]
बोकारो. सदर अस्पताल में शनिवार को प्रसव के दौरान नवजात की मौत के मामले की जांच शुरू कर दी गयी है. सिविल सर्जन डॉ एस मुर्मू ने रविवार की देर शाम को टीम का गठन कर दिया था. टीम में तीन अस्पतालों के डीएस (उपाधीक्षक) को शामिल किया गया है. जांच के दायरे में जैनामोड़ रेफरल अस्पताल से लेकर सदर अस्पताल के चिकित्सक शामिल होंगे.
टीम के सदस्य जैनामोड़ अस्पताल की डॉ मीनू कुमारी व डॉ आरके दास, सदर अस्पताल की डॉ शोभा कुमारी व डॉ महेंद्र कुमार के अलावा कई स्वास्थ्य कर्मी से जानकारी ले रही है. टीम को दो दिनों के अंदर सिविल सर्जन को रिपोर्ट सौंप देना है.
सीएस जांच रिपोर्ट को डीसी को भेजेंगे. गौरतलब है कि घटना को लेकर युवा कांग्र्रेस के प्रदेश महाचिव देव शर्मा व बाराडीह पंसस पुष्पा देवी धरना पर बैठ गयी. जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की जाने लगी. स्थिति को देख कर सीएस डॉ मुर्मू ने जांच कमेटी बनायी. सोमवार को जांच टीम के सदस्यों ने जांच शुरू कर दी है.
क्या है पूरा मामला
बारु पंचायत की (कसमार प्रखंड) छाया देवी को प्रसव के लिए सहिया यशोदा देवी जैनामोड़ रेफरल अस्पताल में शनिवर की सुबह लेकर गयी थी. डॉ मीनू ने जांच के बाद बताया था कि बच्चे के तिरछा होने की वजह से ऑपरेशन द्वारा प्रसव संभव है. अस्पताल में एनेस्थेसिया चिकित्सक उपलब्ध नहीं थे. चिकित्सक के इंतजार के चक्कर में जैनामोड़ अस्पताल के डॉ आरके दास ने गर्भवती को रोके रखा. अधिक परेशानी होने के बाद गर्भवती को शाम तीन बजे सदर अस्पताल रेफर किया गया. छह घंटे की देरी ने शिशु के लिए कई परेशानी पैदा कर दी.