प्रभात खबर संवाद. बीएसएल झोपड़ी कॉलोनी के लोगों ने सुनाया दर्द
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स्वच्छ भारत अभियान का नहीं दिखा असर
प्रभात खबर संवाद. बीएसएल झोपड़ी कॉलोनी के लोगों ने सुनाया दर्द बोकारो : बोकारो कार्यालय का एडिटोरियल इवेंट ‘प्रभात खबर संवाद’ पांच जुलाई (दिन-बुधवार) को बीएसएल झोपड़ी कॉलोनी स्थित आंबेडकर ग्राउंड में हुआ. विषय था : बीएसएल झोपड़ी कॉलोनी की समस्या. कॉलोनी के लोगों ने कहा : जनप्रतिनिधि इस कॉलोनी में व्याप्त समस्याओं को दूर […]
बोकारो : बोकारो कार्यालय का एडिटोरियल इवेंट ‘प्रभात खबर संवाद’ पांच जुलाई (दिन-बुधवार) को बीएसएल झोपड़ी कॉलोनी स्थित आंबेडकर ग्राउंड में हुआ. विषय था : बीएसएल झोपड़ी कॉलोनी की समस्या. कॉलोनी के लोगों ने कहा : जनप्रतिनिधि इस कॉलोनी में व्याप्त समस्याओं को दूर करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं. इस कारण भी इस कॉलोनी को समस्याओं से मुक्ति नहीं मिली. कॉलोनी में 45 साल से लोग रहे है. यहां की आबादी 15 हजार से अधिक है.
कॉलोनी में प्रमुख समस्या गंदगी, बिजली कटौती, पानी, जर्जर सड़क, स्वास्थ्य सुविधा आदि है. स्वच्छ भारत मिशन में यह क्षेत्र पूरी तरह से फिसड्डी है. कचरों का अंबार हर ओर लगा हुआ है. इसकी वजह से मच्छरों की भरमार है. कॉलोनी में कचरा उठाव नहीं होने के कारण डायरिया जैसी गंभीर बीमारी का प्रकोप बना रहता है. वहीं नालियों के जाम रहने की वजह से पानी घरों के अंदर प्रवेश कर जाता है. जल्द कोई उपाय नहीं हुआ तो बहुत परेशानी होगी.
बिजली कटौती से जनता त्रस्त : कॉलोनी में बिजली की कटौती से जनता त्रस्त है. बिजली कटौती के कारण कॉलोनी के लोगों का सामान्य जिंदगी भी परेशानियों से गुजरा रहा है. कुछ माह पहले बारी को-ऑपरेटिव में सब स्टेशन बनने से कॉलोनी के लोगों में काफी खुशी हुई थी. लेकिन, बिजली की स्थिति दिन ब दिन बदतर होती जा रही है. सुबह-शाम दोनों समय बिजली नहीं रहती है. दूसरी ओर चार महीने से बिजली बिल भी नहीं मिल रहा है. एक महीना का बिल मुश्किल से जमा कर पाते है. ऐसे में अगर एक महीना से अधिक का एक साथ बिजली
बिल आयेगा तो, लोगों को काफी परेशानी होगी.
दुर्घटना को आमंत्रित करती है सड़क : कॉलोनी की मुख्य सड़क जर्जर हो चुकी है. अंतिम समय सड़क की मरम्मत कब हुई, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है. जगह-जगह गड्ढे बन गये हैं. इस सड़क से आवागमन में काफी परेशानी होती है. बरसात के मौसम में इन गड्ढों में पानी भर जाता है, जो खुलेआम दुर्घटना का आमंत्रित करता है.
जनप्रतिनिधि इस कॉलोनी में व्याप्त समस्याओं को दूर करने में नहीं दिखाते कोई दिलचस्पी
समय से नहीं खुलता है स्वास्थ्य केंद्र
कॉलोनी में मरीजों की सुविधा के लिए 30 जनवरी 2015 में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोला गया. इसके बाद भी यहां के लोग स्वास्थ्य सुविधा से वंचित है. स्वास्थ्य केंद्र समय में नहीं खुलने से मरीज बिना इलाज कराये घर वापस लौट जाते है.
पानी की किल्लत
बारिश के मौसम में भी कॉलोनी में पानी की किल्लत है. कई चापाकल का जलस्तर नीचे चला गया है. कहीं चापाकल में पानी आ भी रहा है, तो पानी के साथ कचरा भी निकल रहा है. ऐसे में पानी पीना, बीमारी का खतरा पैदा करता है.
शिव शंकर सिंह (समाजसेवी) : झोपड़ी कॉलोनी की अच्छी खासी आबादी है. लेकिन, यहां बिजली का हाल काफी खराब है. विद्युत विभाग के अधिकारियों की उपेक्षा के कारण यहां बिजली की अव्यवस्था से लोग काफी परेशान हो चुके हैं.
त्रिलोकी गुप्ता (शिक्षक) : बीएसएल झोपड़ी कॉलोनी में स्वच्छ भारत मिशन पूरी तरह से दम तोड़ रहा है. गंदगी का ढेर जगह-जगह लगा हुआ है. सफाई का कोई इंतजाम नहीं, गंदगी की वजह से मुंह पर रूमाल रखकर निकलना पड़ता है.
बसंती देवी (गृहिणी) : बारिश शुरू होते ही कॉलोनी में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. फॉगिंग नहीं कराने से नालियों पर मच्छर मंडराते रहते है. ऐसे में यहां बीमारी का खतरा बना रहता है. इस कारण बहुत ही परेशानी होती है.
संगीता देवी (गृहिणी) : कॉलोनी का शहरी स्वास्थ्य केंद्र समय में नहीं खुलता है. वहीं डॉक्टर के आने जाने का भी पता नहीं चल पाता है. ऐसे में मरीज एएनएम से इलाज कराते हैं. इस दिशा में न जनप्रतिनिधि व न ही विभाग का ध्यान है.
संतोष शर्मा (ठेकेदार) : बीएसएल झोपड़ी कॉलोनी की मुख्य सड़क में जहां-तहां गड्ढे है. सड़क की हालत काफी जर्जर है. इससे हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. कई बार दुर्घटना हो चुकी है. पता नहीं कब यह सड़क बनेगी.
डीसी राम (बीएसएल सेवानिवृत्त) : कॉलोनी में बिजली कटौती के साथ-साथ जर्जर सड़क व गंदगी का अंबार है. कभी-कभी ऐसा लगता है कि क्या सरकार इस कॉलोनी के लिए नहीं है? जनप्रतिनिधि भी हमें नहीं समझते हैं.
अजय शव (व्यवसाय) : कॉलोनी में पेयजल की समस्या बनी हुई. इससे कॉलोनी के लोग बूंद-बूंद के लिए मोहताज हो रहे है. लोगों को पानी के लिए दरदर भटकना पड़ रहा है. फिर भी जनप्रतिनिधि सुध नहीं ले रहे है.
रामश्रेय राम (सेलकर्मी) : कॉलोनी में समस्याओं को अंबार लगा हुआ है. सड़क, बिजली, स्वास्थ्य का अभाव है. अब तक किसी की नजर हमारी समस्याओं पर नहीं पड़ी है. ऐसा लगाता है इस कॉलोनी की फिक्र किसी को नहीं है.
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