कॉलेज में एडमिशन के दौरान स्टूडेंट्स व अभिभावकों को शपथ-पत्र देना होगा. यह नियम बिहार के सभी कॉलेजों में लागू है. इस सत्र में भी एडमिशन के दौरान शपथ पत्र लिया जायेगा. रैगिंग रोकने के लिए इस पहल को स्टूडेंट्स भी बेहतर बतला रहे है. यह नियम राज्य के सभी यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में लागू करना ही है. कॉलेज में प्रवेश लेने के दौरान स्टूडेंट्स को एसएलसी या सीएलसी (ऑरिजनल), मार्क शीट, निवास प्रमाण-पत्र, माइग्रेशन सर्टिफिकेट (फोटो कॉपी) के साथ ही एक शपथ-पत्र भी जमा करना होगा.
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कॉलेजों में रैगिंग रोकने के लिए छात्रों व अभिभावकों को भरना होगा शपथ-पत्र
बोकारो: कॉलेजों में रैगिंग पर रोक लगाने के लिए यूजीसी ने हमेशा नये-नये प्रयास किये हैं. एडमिशन सत्र शुरू होने से पहले जागरूकता कार्यक्रम चलाये जायें. कैंपस में रैगिंग रोकने के लिए प्रचार-प्रसार किये जायें, साथ ही हेल्पलाइन नंबर भी जारी किये जायें. इसके साथ ही अब एडमिशन शुरू होने से पहले ही यूजीसी के […]
बोकारो: कॉलेजों में रैगिंग पर रोक लगाने के लिए यूजीसी ने हमेशा नये-नये प्रयास किये हैं. एडमिशन सत्र शुरू होने से पहले जागरूकता कार्यक्रम चलाये जायें. कैंपस में रैगिंग रोकने के लिए प्रचार-प्रसार किये जायें, साथ ही हेल्पलाइन नंबर भी जारी किये जायें. इसके साथ ही अब एडमिशन शुरू होने से पहले ही यूजीसी के अनुसार सभी कॉलेजों को एडमिशन के समय शपथ पत्र लेना है.
दो भागों में रहेगा शपथ-पत्र : इस बार से यूजीसी ने सभी कॉलेज को यह भी कहा है कि किसी भी स्टूडेंट्स के ऑरिजनल कागजात कॉलेज जमा नहीं ले सकता है. अगर लेता है, तो उस कॉलेज पर कड़ी कार्यवाही होगी. यह निर्देश कॉलेज में आये दिन रैगिंग के घटना को रोकने के लिए किया गया है. यूजीसी के संयुक्त सचिव (एंटी रैगिंग सेल) ने सभी यूनिवर्सिटी के कुलसचिवों को इस संबंध में हमेशा लेटर जारी कर रैगिंग को समाप्त करने को कहा है. यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटी को शपथपत्र के प्रारूप के साथ-साथ रैगिंग किस प्रकार रोका जाये, इसके लिए भी सुझाव दिया है. एडमिशन के दौरान शपथ पत्र दो भागों में रहेगा, पहला भाग छात्र के लिए होगा और दूसरा अभिभावक के लिए.
बिना शपथ-पत्र जमा किये नहीं होगा एडमिशन : स्टूडेंट्स को यह शपथ देना होगा कि वे यूजीसी के रैगिंग निषेध अधिनियम, 2009 की कंडिका 3 में दर्शायी गयी गतिविधियों के अनुसार व्यवहार नहीं करेंगे. वे रैगिंग में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल नहीं होंगे और न ही रैगिंग को बढ़ावा देने वाले किसी गतिविधि में शामिल होंगे. यदि वे इसके दोषी पाये गये, तो अधिनियम की कंडिका 9.1 के तहत उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी. अभिभावकों को भी यही शपथ लेना होगा कि उनका पुत्र व पुत्री रैगिंग के दायरे में आने वाले किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे. अगर शपथ-पत्र नहीं जमा करते हैं, तो एडमिशन नहीं होगा.
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