प्रमुख ने चिकित्सा प्रभारी डॉ नवाब से बात कर अनशनकारियों के स्वास्थ्य की जांच का निर्देश दिया. अनशनकारियों ने आरोप लगाया कि 21 मई को मुरहुलसूदी में हुए कमल क्लब के गठन में अनियमितता बरती गयी थी. उसके दूसरे दिन ही बीडीओ के पास लिखित आवेदन देकर आपत्ति दर्ज करायी थी.
बीडीओ ने इस पर कार्रवाई करते हुए गठन को रद्द कर दिया व नये सिरे से गठन का आदेश जारी किया. लेकिन कतिपय लोगों के दबाव में आकर 24 घंटे के अंदर ही निर्णय को बदल दिया तथा एक नया आदेश निकाल कर जांच टीम गठित कर दी. वक्ताओं ने कहा कि एक माह से अधिक बीत जाने के बाद भी कोई नतीजा सामने नहीं आया है. मामले की लीपापोती की जा रही है व दोषी लोगों को बचाया जा रहा है. अनशन पर मनीष महतो, जुरन महतो, प्रदीप गंझू, विनय महतो, मिथुन महतो, देवकी गंझू, नीलकमल गंझू, श्यामलाल गंझू, लोकेश टुडू, अजीत महतो, मुकेश महतो, ऋषिकेश गंझू, अशोक महतो, सुखेश्वर महतो, सुमन भारती, मनोज महतो आदि शामिल थे.