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बोकारो स्टील प्लांट की बदलेगी तसवीर व तकदीर

बोकारो: बोकारो स्टील प्लांट के साथ-साथ शहर की भी तसवीर व तकदीर बदलने वाली है. प्लांट का उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने के लिए बीएसएल प्रबंधन ने रणनीति तैयार कर ली है. बोकारो स्टील प्लांट में आधुनिकीकरण व नवीनीकरण का काम जोर-शोर से चल रहा है. बीएसएल में दो-तीन बड़े प्रोजेक्ट के साथ-साथ आधा दर्जन से […]

बोकारो: बोकारो स्टील प्लांट के साथ-साथ शहर की भी तसवीर व तकदीर बदलने वाली है. प्लांट का उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने के लिए बीएसएल प्रबंधन ने रणनीति तैयार कर ली है. बोकारो स्टील प्लांट में आधुनिकीकरण व नवीनीकरण का काम जोर-शोर से चल रहा है. बीएसएल में दो-तीन बड़े प्रोजेक्ट के साथ-साथ आधा दर्जन से अधिक छोटी-छोटी योजनाओं पर काम चल रहा है.

प्लांट का उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने के लिए नयी तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, ताकि गुणवत्तापूर्ण स्टील का उत्पादन बाजार की मांग के अनुरूप किया जा सके. इधर, बीएसएल में मानव संसाधन के बेहतर इस्तेमाल के लिए 30 सितंबर 2017 तक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना भी लागू की गयी है. यह योजना 15 जून 2017 से लागू की गयी है.

एक और नया सिंटर प्लांट : बोकारो स्टील प्लांट का वर्तमान में हॉट मेटल उत्पादन क्षमता 4.58 मिलियन टन प्रतिवर्ष है, जिसे बढ़ा कर 5.77 मिलियन टन करने का लक्ष्य है. इसके लिए प्लांट को अतिरिक्त सिंटर की जरूरत होगी. इसके लिए एक और नया सिंटर प्लांट बनेगा. इसका निर्माण कार्य शुरू हो गया है. नया सिंटर प्लांट बनने से नयी तकनीक से गुणवत्तापूर्ण स्टील का उत्पादन होगा.
एसएमएस-1 का होगा अपग्रेडेशन : एसएमएस-1 में अभी पांच कन्वर्टर है, जिसकी क्षमता 130 टन है. इसमें से एक कन्वर्टर में आधुनिकीकरण कर कंटीन्यूअस कास्टिंग डिपार्टमेंट (सीसीडी) की स्थापना की जायेगी. मतलब, एसएमएस-1 में अपग्रेडेशन से सीसीडी की सुविधा उपलब्ध होने से लिक्विड आयरन के बाद लिक्विड स्टील बनाने के बाद सीधे स्लैब का निर्माण होगा. अभी पहले लिक्विड आयरन बनता है, तब लिक्विड स्टील बनता है. उसके बाद इंगौट बनता है. यह इंगौट स्लैबिंग मिल में जाता है रोल होने के लिए. सीसीडी की सुविधा से इंगौट व स्लैबिंग मिल की जरूरत नहीं पड़ेगी. सीधे लिक्विड आयरन के बाद लिक्विड स्टील और स्लैब तैयार होगा. इससे समय, एनर्जी की बचत होगी और क्वालिटी स्टील बनेगा. एसएमएस-2 में यह सुविधा 1998 से है.
बन रहा नया एचएमडीएस
बीएसएल बाजार की डिमांड के अनुसार स्टील का उत्पादन करने के लिए कटिबद्ध है. इसी के तहत नया हॉट मेटल डी सल्फ्रराइजेशन यूनिट (एचएमडीएस) बन रहा है. इससे स्टील उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार होगा. इसके अलावा प्लांट के अन्य कई विभागों में भी छोटे-बड़े स्तर पर अपग्रेडेशन का काम चल रहा है. इस तरह आने वाले समय में बोकारो स्टील प्लांट के साथ-साथ बोकारो शहर की भी तसवीर व तकदीर बदलने वाली है.

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