घाटशिला: आइसोन सी/2012 एस1 धूमकेतु की अतंरिक्ष में होनेवाली गतिविधि पर नजर रखने के लिए झारखंड के 400 से अधिक विद्यार्थी घाटशिला, शिवदास घोष स्मृति अध्ययन केंद्र में जमा हुए हैं.
केंद्र द्वारा राज्य स्तरीय विज्ञान शिविर का आयोजन किया गया है, ताकि विद्यार्थी इस महत्वपूर्ण खगोलीय घटना के वैज्ञानिक कारणों को बताना और इसे लेकर समाज में फैली भ्रांतियों को दूर करना है. इंटरनेशनल ब्रेकथ्रू साइंस सोसाइटी द्वारा इसकी सूचना झारखंड चैप्टर से साझा करने के बाद इसकी तैयारी की गयी थी.
दो टेलीस्कोप के जरिये स्टूडेंट धूमकेतु की गतिविधियों पर नजर रखेंगे. रशिया की इंटरनेशनल साइंटिफिक ऑप्टिकल नेटवर्क ने इस पर रिसर्च शुरू किया था. रिसर्च से पता चला था कि 22 से 28 नवंबर के बीच यह धूमकेतु नजर आयेगा. इसकी सूचना वैश्विक स्तर पर फैले अपने विंग से साझा की गयी थी. रिसर्च एजेंसी ने अपनी सूचना में यह भी कहा है कि यह नन पिरियोडिक होगा, जो दोबारा नजर नहीं आयेगा, जबकि पीरियोडिक होने पर हर 76 साल में यह दिख जाता है.
10 हजार साल पूर्व निकला है यह धूमकेतु
1997 के बाद महत्वपूर्ण घटना
1997 में आया था हैलोक
दो टेलीस्कोप से देखेंगे धूमकेतु
धूमकेतु की पूंछ 90 हजार किमी लंबी है
सूर्य धूमकेतु को आकर्षित करता है तो सूर्य में समा जायेगा
अगर सूर्य आकर्षित नहीं कर पाता है, तो दिसंबर के दूसरे सप्ताह में यह दिखेगा
जनवरी में सोलर सिस्टम बाउंड्री के ओर्ट क्लाउड में ओझल होगा
घाटशिला में जुटे पूरे झारखंड से विद्यार्थी
धूमकेतु पर नजर रखने के लिए पूरे राज्य से 400 विद्यार्थी घाटशिला के शिवदास घोष स्मृति अध्ययन केंद्र में जुटे हैं. इनमें बोकारो, धनबाद, रांची, सरायकेला, चाईबासा, जमशेदपुर के विद्यार्थी शामिल हुए हैं. सर्वाधिक छात्र घाटशिला के हैं.
इन ग्रहों को देखेंगे स्टूडेंट
शुक्र, वृहस्पति, मंगल, शनि, बुध, चंद्रमा, साइरस स्टार (सबसे चमकीला तारा) को देख सकेंगे.