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दो दिन से घर से गायब था इम्तियाज

रांची : पटना में सीरियल ब्लास्ट मामले में जिस इम्तियाज को पटना पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उसका घर धुर्वा थाना क्षेत्र से सीटियो गांव में है. इम्तियाज पिछले दो दिन से रांची से गायब था. उसके पिता का नाम कमालुद्दीन है. इम्तियाज अपने छह भाइयों में पांचवें नंबर पर है. पुलिस ने रविवार को […]

रांची : पटना में सीरियल ब्लास्ट मामले में जिस इम्तियाज को पटना पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उसका घर धुर्वा थाना क्षेत्र से सीटियो गांव में है. इम्तियाज पिछले दो दिन से रांची से गायब था. उसके पिता का नाम कमालुद्दीन है. इम्तियाज अपने छह भाइयों में पांचवें नंबर पर है. पुलिस ने रविवार को जब इम्तियाज के घर पर छापामारी की, तो घर से विस्फोटक बरामद किया गया.

छापामारी के दौरान पुलिस को पता चला कि उसके सभी भाई अलगअलग रहते हैं और एचइसी के लिए कई कामों से जुड़े हैं. पुलिस को इम्तियाज का एक भाई अख्तर मिला. पुलिस ने इम्तियाज के पिता और भाई अख्तर को हिरासत में ले लिया है. दोनों से धुर्वा थाना में पूछताछ की जा रही है. पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि इम्तियाज पिछले दो दिनों से गायब था. पुलिस उसके बारे में और जानकारी जुटाने में लगी हुई है.

धुर्वा थाना में पिता कमालुद्दीन ने बताया कि वह उनसे अपने भाइयों से अलग रहता था. क्या करता था, क्या नहीं करता था, इसकी स्पष्ट जानकारी किसी को नहीं है. सीटियो में छापामारी की खबर के बाद मीडिया के लोग पहले धुर्वा थाना पहुंचे. वहां से सभी रात में ही सीटियो गांव पहुंचे. सीटियो गांव में इम्तियाज के बारे में कोई भी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

इम्तियाज के बारे में जान कर गांववाले सकते में

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धुर्वा थाना की पुलिस ने रविवार की रात आठ बजे सीटियो गांव स्थित इम्तियाज के घर पर छापामारी की. पुलिस इम्तियाज के पिता और उसके भाई को हिरासत में लेकर थाना ले आयी. पुलिस के पीछेपीछे करीब 50 ग्रामीण भी थाना गये थे. देर रात तक ग्रामीण थाना पर ही जमे थे. गांव के मुखिया ने बताया कि पुलिस ने अचानक इम्तियाज के घर में छापामारी की.

यहां आकर जो पता चला, उससे गांव के सभी लोग सकते में हैं. अब तक हममे से किसी को भी इस बात का कभी संदेह नहीं हुआ कि इम्तियाज ऐसा भी कर सकता है. वह आतंक के रास्ते पर चल निकला है. थाना में मौजूद इम्तियाज के पिता कमालउद्दीन ने बताया कि वह एचइसी से सेवानिवृत्त हैं. उसके सभी बेटे एचइसी में ठेका का काम करते हैं.

सभी बेटे एक ही घर में अलगअलग रहते हैं. उनका (कमालउद्दीन) का घर थोड़ा दूर है. इस कारण उन्हें नहीं पता कि इम्तियाज क्याक्या करता था. सीटियो में इम्तियाज के घर में लोग मौजूद हैं. मीडियाकर्मियों के पहुंचने पर किसी ने भी घर का दरवाजा नहीं खोला.

थाना में अफरातफरी का माहौल : इम्तियाज के घर छापामारी की खबर मिलने के बाद धुर्वा थाना में मीडियाकर्मियों का जमावड़ा लग गया. सभी डिटेल जानना चाहते थे, लेकिन कोई भी कुछ बताने को तैयार नहीं था. गांव के लोग मीडियाकर्मियों के सवालों से परेशान इधरउधर कट रहे थे. बहुत देर बाद हटिया डीएसपी निशा मुमरू ने इम्तियाज के घर छापामारी होने की पुष्टि की.

कहीं भटकल की गिरफ्तारी का बदला तो नहीं?

पटना में सीरियल ब्लास्ट के पीछे कहीं यासीन भटकल की गिरफ्तारी तो नहीं है. आइबी और राज्य की खुफिया पुलिस इसी संभावना पर आगे बढ़ रही है. पुलिस को ऐसे सुराग हाथ लगे हैं, जिसके तार सीधे भटकल से जुड़ रहे हैं. पटना जंक्शन पर गिरफ्तार शख्स की जेब से मिले मोबाइल नंबर पर जब पुलिस ने डायल किया, तो उसे नये सूत्र हाथ लगे.

पुलिस सूत्रों के अनुसार आतंकी संगठन आइएम द्वारा पूरे पटना में नरेंद्र मोदी की सभा में दहशत फैलाने के इरादे से तथा भारत सरकार को करारा जवाब देने के लिए ये सीरियल ब्लास्ट के लिए टाइमिंग सेट किया गया लगता है. केंद्र में मुख्य विरोधी पार्टी द्वारा तब कांग्रेस पर जम कर हमला बोला जा सकता था.

खुफिया पुलिस को मिली प्रारंभिक जानकारी के अनुसार बिहार निवासी इंडियन मुजाहिदीन के प्रमुख आतंकी मोनू उर्फ तहसीन के साथ इम्तियाज के संपर्क मिले है. ऐसे में भटकल की गिरफ्तारी के बाद एक बड़ी साजिश आइएम द्वारा रची गयी थी.

एदारे शरिया ने पटना में हुए विस्फोट की निंदा की

रांची : एदारे शरिया के नाजिमे आला ने कहा कि एदारे ने पटना में हुए बम विस्फोट की निंदा की है. उन्होंने केंद्र बिहार सरकार से इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की और कसूरवार षड़यंत्रकारी लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाये. उन्होंने इस तरह की घटना को कायरतापूर्ण वातावरण को बिगाड़नेवाला बताया.

तारिक, नुमान और तौफिक के साथ निकला था इम्तियाज

रांची : पटना में गिरफ्तार इम्तियाज से पूछताछ की गयी. उसके पास से पॉकेट में कई कागजात मिले. उन में एक कागज पर नौ मोबाइल नंबर लिखे हुए थे. गौरतलब है कि आइएम के आतंकी अपने साथ मोबाइल इत्यादि नहीं रखते है. वे सिर्फ नंबर रखते है, ताकि अपने शीर्ष आकाओं से बात कर सके.

फिर क्या था, आतंकियों के द्वारा मिले मोबाइल नंबर की जांच की गयी. जिसमें सभी आतंकियों के संपर्को की जानकारी मिलने लगी. इधर पूछताछ के क्रम में इम्तियाज ने रांची के एचइसी स्थित अपने घर की जानकारी दी. बिहार पुलिस की ओर से तत्काल झारखंड पुलिस के सहयोग से सीठियो स्थित उसके आवास पर छापेमारी की गयी. वहां से आपत्तिजनक चीजें बरामद की गयीं. तारिक, नुमान और तौफिक के घर भी छापामारी हुई. इम्तियाज इन तीनों के साथ घर से निकला था. तीनों का कुछ पता नहीं है.

इधर पूछताछ के क्रम में ही इम्तियाज ने गांधी मैदान के इर्द गिर्द बम विस्फोट के लिए अन्य आतंकियों के आने की भी जानकारी दी.

– धुर्वा स्थित उसके घर से झारखंड पुलिस द्वारा दो लोगों को हिरसात में लिया गया है, जिससे पूछताछ की जा रही है.

– आइएम का ट्रेनिंग सेंटर था इम्तियाज का घर

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रांची : धुर्वा थाना क्षेत्र के सीठियो के जिस घर में छापमारी हुई और आपत्तिजनक विस्फोटक बरामद हुए, इम्तियाज का वह घर आइएम का ट्रेनिंग सेंटर था. सूत्र बताते हैं कि पटना बलास्ट की योजना यहीं बनी थी. दो दिन पहले इम्तियाज रांची में ही था.

यही जेहादी साहित्य से उन्हें आइएम के कट्टर आतंकवादी बनने की शिक्षा दी जाती थी. झारखंड के तहसीन की भी पुलिस तलाश कर रही है. वह रांची में आइएम मोड्यूलस का प्रमुख है तथा यासिन भटकल का सहयोगी है.

झारखंड से जुड़ते रहे हैं आतंकियों के तार

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रांची : देश में जहां कहीं भी आतंकी घटना होती रही है, झारखंड के तार जुड़ते रहे हैं. गत सात जुलाई को बोधगया (बिहार) में हुए विस्फोट के बाद भी इसके तार झारखंड से जुड़े थे. सूचना यह भी मिलती रही है इंडियन मुजाहिद्दीन के कुछ आतंकी रांची सहित राज्य के दूसरे जिलों में ठिकाना बनाये हुए हैं. कुछ आतंकियों की गिरफ्तारी भी हाल में हुई भी है.

इस बात की पुष्टि तब भी हुई थी, जब कांके चौक से पुलिस ने इंडियन मुजाहिद्दीन के सदस्य होने के आरोप में मंजर इमाम को गिरफ्तार किया था. इसके पूर्व भी बरियातू निवासी दानिश की गिरफ्तारी सूरत से हो चुकी है.

उसने पूछताछ में पुलिस को बताया था कि आइएम के कई सदस्य झारखंड बिहार और कोलकाता में रहते हैं. उनकी तलाश में नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआइए) की टीम कई बार रांची चुकी है. मंजर इमाम ने गिरफ्तार होने के बाद यहां तक बताया था आइएम के पांच सदस्य रांची में रहते हैं. देश के विभिन्न भागों में घटना को अंजाम देने के बाद आतंकवादी रांची इलाज तक कराने पहुंचते रहे हैं.

हजारीबाग से गिरफ्तार हुआ था आतंकवादी

29 फरवरी 2012 को हजारीबाग जिले से पुलिस ने इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकवादी होने के आरोप में पीर मोहम्मद को गिरफ्तार किया गया था. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने दूसरे आतंकवादी को दिल्ली से गिरफ्तार किया था.

जमशेदपुर में पकड़े गये दो आतंकवादी

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वर्ष 2006 में जमशेदपुर से आतंकवादी संगठन से संबंध रखने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था, तब यह खबर आयी थी कि इनसे संबंध रखने वाला एक शख्स रांची के डोरंडा थाना क्षेत्र में रहता है. लेकिन बाद में यह जानकारी मिली कि मुंबई चल गया है.

जामताड़ा में दिखे थे आतंकवादी : 18 मई 2007 को मक्का में जब ब्लास्ट हुआ था. उसकी जांच के दौरान पता चला था कि घटना को अंजाम देनेवाले आतंकवादी जामताड़ा में देखे गये थे. मामले में शामिल होने के आरोप में दो संदिग्ध की तसवीर भी जारी की गयी थी. दोनों ने पश्चिम बंगाल से सिम कार्ड भी खरीदे थे.

अजमेर घटना में जामताड़ा से हुई गिरफ्तारी : अक्तूबर 2007 राजस्थान के अजमेर में हुए विस्फोट की घटना के तार भी झारखंड में रहनेवाले आतंवादियों से जुड़े थे. सीआइडी की टीम ने जामताड़ा में छापेमारी कर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था. वह राजस्थान के मदरसे में रह कर वहां बच्चों को तालीम देने का काम करता था.

हजारीबाग में मारे गये थे आतंकवादी : कोलकाता स्थित अमेरिकन सेंटर में हुए हमले के बाद वर्ष 2002 में दिल्ली स्पेशल पुलिस की टीम उस घटना में शामिल दो आतंकवादियों को हजारीबाग में मार गिराया था. दोनों हजारीबाग जिला के खिरगांव स्थित एक किराये के मकान में लंबे समय से रहते रहे थे.

रांची में आतंकी को नहीं खोज सकी एनआइए

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रांची : पटना में हुए सीरियल ब्लास्ट में शामिल रांची के इम्तियाज का समय रहते नहीं पकड़ा जाना खुफिया एजेंसियों की बड़ी विफलता है. मंजर इमाम और दानिश की गिरफ्तारी के बाद रांची पुलिस, झारखंड पुलिस की विशेष शाखा और नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआइए) लगातार आतंकियों का पता लगाने में लगी रही, लेकिन रांची में कोई आतंकी है, इसका कोई सुराग नहीं मिला.

एनआइए की एक टीम रांची में मंजर और दानिश से संपर्क रखनेवाले दर्जनों लोगों से पूछताछ की. दर्जनों लोगों के बारे में विस्तृत जानकारी जुटायी, लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला. सभी मिल कर रांची में किसी एक आतंकी का पता नहीं लगा सके. इम्तियाज समेत कई आतंकी सिर्फ रांची में रह रहे थे, बल्कि यहां बैठ कर पटना में सीरियल ब्लास्ट करने की प्लानिंग भी तैयार कर रहे थे. सभी एजेंसियों के अलर्ट रहने के बाद भी आतंकी योजनाबद्ध तरीके से पटना में विस्फोट करने में सफल रहे. उल्लेखनीय है कि चार साल पहले भी यह खबर आयी थी कि रांची शहर में आतंकियों ने स्लीपर सेल तैयार किया है.

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पिछले दिनों बिहार से इंडियन मुजाहिद्दीन (आइएम) के प्रमुख यासिन भटकल की गिरफ्तारी और इससे पहले रांची के कांके चौक से मंजर की गिरफ्तारी के बाद यह खबर आयी थी कि रांची में आइएम के आतंकी मौजूद हैं. भटकल रांची चुका था और कई युवकों को संगठन के लिए काम करने को राजी भी किया था.

– धुर्वाथानेमेंभाईपितासेहोरहीहैपूछताछ

– इम्तियाजकेपिताभाईहिरासतमें

– छहभाईयोंमेंपांचवेंनंबरपरहैइम्तियाज

– सभीभाईअलगअलगरहतेहैं

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