रांची: वर्ल्ड वाइड वेटरिनरी सर्विसेज के डॉ ल्यूक गैंबल ने कहा कि अगले तीन वर्षो में रांची देश का पहला रैबिज फ्री सिटी बन जायेगा. इंग्लैंड की तीन संस्था वर्ल्ड वाइड वेटरिनरी सर्विसेज, डॉग ट्रस्ट और मे ह्यू इंटरनेशनल की ओर से विश्व भर में मिशन रैबिज कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसके लिए भारत का चयन किया गया है.
अपर मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती के साथ संयुक्त प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए डॉ ल्यूक ने कहा कि भारत में हर घंटे एक बच्चे की मौत कुत्ते के काटने से होती है. यह गंभीर मामला है. इसलिए तीनों संस्थाओं ने मिल कर तीस दिनों में 50 हजार कुत्तों को टीका देने का कार्य किया है. रांची में 5000 स्ट्रीट डॉग्स को रैबिज वैक्सिनेशन दिया जाना है. श्री चक्रवर्ती ने कहा कि किसी भी शहर में 70 फीसदी कुत्तों के टीकाकरण से रैबिज का ट्रांसमिशन शून्य हो जाता है. उन्होंने कहा कि रांची को रोल मॉडल के रूप में चयनित किया गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से तीन वर्ष बाद रांची को यह उपाधि दी जायेगी.
एक सवाल के जवाब में डॉग ट्रस्ट की डॉ उसरुला गोएत्ज ने कहा कि गोवा, मदुरई, इरोड, चेन्नई, नागपुर, बीकानेर, रांची, भुवनेश्वर, गुवाहाटी समेत कुल एक दर्जन शहरों में यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इस अभियान में स्थानीय सरकार, स्वयंसेवी संस्थानों और अन्य का सहयोग भी मिल रहा है. मे ह्यू इंटरनेशनल की डॉ हैतेल शर्वेल ने कहा कि रांची में कुल 50 वोलंटियर लगे हुए हैं. रांची में 40 से 45 हजार स्ट्रीट डॉग होने की संभावना है. यहां अभियान को काफी सफलता मिली है. हरमू और कोकर में टीकाकरण अभियान नहीं चल रहा है.