रांची: आश्विन माह शुक्रवार 20 सितंबर से शुरू हो रहा है. शुक्रवार से इस माह का पहला पक्ष शुरू होगा, जिसे लोग पितृ पक्ष के नाम से जानते हैं. शुक्रवार को दिन के 3.48 बजे तक प्रतिपदा है. इसलिए पितृपक्ष से निमित कार्य इससे पूर्व हो जाये तो बेहतर है. जो लोग अपने माता पिता या अन्य किसी जिनके नाम से जलांजलि देना चाहते हैं, वे उनकी मृत्यु की तिथि को जलांजलि दे सकते हैं. जिन्हें उनकी तिथि नहीं मालूम हो, वे महालया के दिन उनके नाम से जलांजलि दे दें और गरीबों व पंडितों को भोजन करा दें.
ऐसा संभव नहीं है तो किसी मंदिर या अन्य स्थल पर जाकर दान-पुण्य कर लें. जलांजलि प्रथम से अंतिम दिन तक भी दी जा सकती है.आचार्य जय नारायण पांडे ने कहा कि जलांजलि देने, पिंडदान करने व श्रद्ध करने से आयु, बल, पुत्र, यश, स्वर्ग, पशु, सुख आदि की प्राप्ति होती है. हाथों में कुश लेकर अक्षत, तिल, द्रव्य सहित अन्य पदार्थ लेकर जलांजलि दें. जब तक जलांजलि पूर्ण नहीं हो जाती है, केश आदि नहीं कटाना चाहिए. तेल आदि भी नहीं लगाना चाहिए.
ब्रह्वाचर्य का पालन करते हुए सादा भोजन करना चाहिए. जलांजलि घर अथवा नदी व तालाब तट पर दी जा सकती है.यह आप स्वयं अथवा किसी पंडित जी की मदद से भी दे सकते हैं. उधर डॉ सुनील बम्र्मन ने कहा कि शुक्रवार से चातरुमास का तीसरा महीना शुरू हो जायेगा. शुक्रवार को दही का दान कर दुध का त्याग करें. पांच अक्तूबर से शारदीय नवरात्र शुरू हो जायेगा.