रांची: सदन में गुरु वार को प्रभात खबर की प्रतियां लहरायी गयीं. विधायक समरेश सिंह, सत्यानंद झा, अशोक भगत, हरेकृष्ण महतो, फूलचंद मंडल, उमाशंकर अकेला, कमल किशोर भगत आदि ने राज्य में विधि-व्यवस्था खराब होने का मामला कई बार उठाया. राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भी अखबार की प्रतियां लहरा कर सरकार से जवाब मांगा जाता रहा. विधायकों का कहना था कि राज्य में विधि-व्यवस्था चौपट हो गयी है. आंकड़े बताते हैं कि राज्य में कानून का राज नहीं रहा.
राज्यपाल का तरीका सवाल खड़ा करता है :अर्जुन मुंडा
प्रतिपक्ष के नेता अजरुन मुंडा ने कहा कि सदन के अंदर जिस तरह से राज्यपाल ने बातें रखीं, उसे उचित नहीं कहा जा सकता है. राज्यपाल एक संवैधानिक पद है. इसलिए इस पर ज्यादा बोलना उचित नहीं होगा, लेकिन यह भी सही है कि राज्यपाल ने जिस तरीके से अभिभाषण दिया, उससे मर्यादा पर सवाल खड़ा होता है. विपक्ष सदन के अंदर लगातार अपनी बातें रख रहा था. श्री मुंडा ने कहा कि केंद्र ने राज्य को दावं पर लगा कर सरकार बनवायी है. इस सरकार से बहुत उम्मीद नहीं की जा सकती है.
पुरानी बातों का जिक्र किया गया : प्रदीप यादव
झाविमो के प्रदीप यादव ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में पुरानी बातों का जिक्र किया गया है. आनेवाली कार्य योजना का कोई जिक्र नहीं है. सरकार कैसे पैसा खर्च करेगी, इसकी जानकारी नहीं है. भ्रष्टाचार व अपराध पर कैसे नियंत्रण होगा, उल्लेख नहीं है. राज्यपाल का अभिभाषण पुरानी और घिसी–पिटी लकीर की तरह है. राज्यपाल की बॉडी लैंग्वेज ठीक नहीं थी. राज्यपाल के इस रूप से सदन की गरिमा को नुकसान पहुंचा है. राज्यपाल को पद की मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए था.
जनता के साथ मजाक किया गया : रघुवर दास
भाजपा के रघुवर दास ने कहा कि अभिभाषण से जनता को निराशा हुई है. सरकार कैसे काम करेगी, इसका जिक्र नहीं है. राज्यपाल ने जिस अंदाज में अभिभाषण पढ़ा, वह जनता से मजाक है. जनता का अपमान हुआ है. अभिभाषण में आनेवाली सरकार की रूपरेखा होती है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. अभिभाषण के बाद राज्य की जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है. असल में यह सरकार परिवार हित, मित्र हित और कांग्रेस हित के लिए बनी है. कांग्रेस केंद्र जैसा ही यहां भी सरकार चलाना चाहती है.
कोई नीति नहीं दिखी : विनोद सिंह
माले नेता विनोद सिंह ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में सरकार की नीति नहीं दिखी. पिछले छह माह में राष्ट्रपति शासन पूरी तरह विफल रहा. महिला हिंसा ज्यादा बढ़ी. इसे रोकने की कोई नीति नहीं बतायी गयी. अभिभाषण में तो कईबातें असत्य भी थीं. राज्यपाल ने वर्ष 2012-13 में 1273 गांवों के विद्युतीकरण की बात कही, जो पूरी तरह गलत है. जिन सवालों से जनता जूझ रही है, उसका जिक्र नहीं किया गया है.