रांची: राज्य गठन के बाद से ही सरकार आधारभूत संरचनाओं की कमी का रोना रोती रही है. साथ ही विकास की गति को तेज करने के लिए आधारभूत संरचनाओं के निर्माण को तेज करने का दावा करती रही है.
ठीक इसके विपरीत यहां एक-एक साल में पूरी होनेवाली आधारभूत संरचना से जुड़ी योजनाएं भी निर्धारित समय सीमा में पूरी नहीं होती हैं. महालेखाकार ने आधारभूत संरचना से जुड़ी पुल और सड़क की योजनाओं के पूरा होने की अवधि की जांच की. इसमें पाया गया कि एक साल में पूरी होनेवाली कई योजनाओं की उपलब्धि सिर्फ दो से छह प्रतिशत तक ही रही. महालेखाकार ने इस तरह के निर्माण कार्यों के कई उदाहरण पेश किये हैं.
सड़क निर्माण में भी पिछड़ता गया राज्य
सड़क निर्माण की योजनाओं की स्थिति इससे भी खराब पायी गयी. जिन सड़कों का काम 2010 और 2013 तक पूरा कर लेने का लक्ष्य था, उसमें 2013-14 तक दो से 19 प्रतिशत तक की ही उपलब्धि हो सकी थी. कोवार- कोडरमा दोहरी पट्टी सड़क के चौड़ीकरण और मजबूतीकरण का काम 6.36 करोड़ की लागत से जुलाई 2013 तक पूरा करना था. पर, इस निर्धारित समय सीमा तक सिर्फ दो प्रतिशत काम ही पूरा हो सका था. तांतनगर- मझंगांव- भरभरिया- कुमारडुगी अंधारी सड़क के चौड़ीकरण और मजबूतीकरण का काम अगस्त 2010 तक पूरा करना था. हालांकि 2013-14 तक सिर्फ 19 प्रतिशत काम ही पूरा हो सका था.