दुमका: तृणमूल कांग्रेस विधानसभा चुनाव में राज्यभर में कुल दस सीटों पर अपना उम्मीदवार देगी. तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बंधु तिर्की ने दुमका में संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि उनकी पार्टी पूरी ताकत झोंककर व ध्यान केंद्रित कर इन सीटों पर चुनाव लड़ेगी तथा मजबूती से मुकाबला करेगी.
उन्होंने पश्चिम बंगाल सीमा से सटे संताल परगना प्रमंडल को लेकर अपनी रणनीति का भी खुलासा किया तथा एलान किया कि संताल परगना से तीन सीटों पर उम्मीदवार खड़े किये जायेंगे. इनमें शिकारीपाड़ा, लिट्टीपाड़ा और पाकुड़ विधानसभा सीटें शामिल हैं. शिकारीपाड़ा से मुन्नी हांसदा प्रत्याशी होंगी, जबकि लिट्टीपाड़ा से किसी पहाड़िया को उम्मीदवार बनाया जायेगा.
श्री तिर्की के अनुसार इससे आदिम जनजाति वर्ग का प्रतिनिधि सदन तक पहुंचेगा और अपने समाज की समस्याओं को लेकर सदन में आवाज बुलंद कर सकेगा. श्री तिर्की ने कहा कि दीपावली के बाद अन्य सभी सीटों के लिए प्रत्याशी के नाम घोषित कर दिये जायेंगे.
कहा, हम किसी के पिछलग्गू नहीं
बंधु ने कहा कि वे किसी के पिछलग्गू नहीं हैं. 10 सीटों पर तृणमूल कांग्रेस चुनाव लड़ेगी, यह तय है. चाहे गंठबंधन में रहकर चुनाव लड़े या फिर स्वतंत्र. उन्होंने कहा कि कांग्रेस व झामुमो के नेताओं से मिलकर उन्होंने अपनी भावना से अवगत करा दिया है. उन्होंने कहा: मैं पिछलग्गू नहीं हूं. उन्हें बता दिया है कि अभी यदि गंठबंधन नहीं किया गया, तो चुनाव के बाद उन्हें समझना होगा. उन्होंने कहा कि उनकी जरूरत सरकार बनाने में हर समय, हर डगर पर पड़ी है, जब से राज्य बना है.
बाबूलाल की ताकत को नकारा नहीं जा सकता
बंधु तिर्की ने जेवीएम के गंठबंधन में शामिल होने की संभावनाओं के सवाल पर कहा कि वे ‘नेचुरल एलायंस’ के पक्षधर हैं. सांप्रदायिक शक्तियों को छोड़कर समान विचार वाले दलों से गंठबंधन को तैयार हैं. जेवीएम से उन्हें परहेज नहीं है. बाबूलाल मरांडी जैसे नेता को हल्के में नहीं लिया जा सकता. उन्होंने कहा, मेरी व्यक्तिगत राय है कि बाबूलाल अच्छे व्यक्ति हैं. राजनीतिक समझ भी उनकी अच्छी है. उनकी ताकत को न तो नकारा जा सकता है और न ही खारिज किया जा सकता है.
स्थानीयता होगा हमारा प्रमुख मुद्दा
बंधु ने कहा कि विधानसभा चुनाव में स्थानीयता प्रमुख मुद्दा होगा. इस नीति से यहां रहने वाले आदिवासी-गैर आदिवासी सबों को फायदा होगा. छह लाख वैकेंसी यहां इसी की वजह से नहीं भरे जा पा रहे हैं. रोजगार का सृजन नहीं हो पा रहा है. इससे 27 प्रतिशत आदिवासियों व 73 प्रतिशत गैर आदिवासियों को लाभ मिलेगा. हमारा मानना है कि इस 73 फीसदी हिस्से को किसी भी सूरत में दूसरे राज्य के लोगों को नहीं दिया जाना चाहिए. स्थानीयता यहां परिभाषित होगा, तो समता जजमेंट भी इप्लीमेंट हो जायेगा. जो यहां लंबे समय से रह रहे हैं, उनके साथ न्याय होना चाहिए.
जिसने गलत किया, जांच कर हो कार्रवाई
सीएनटी एक्ट में संशोधन की बात पर बंधु तिर्की ने कहा कि इस कानून में जो छेद था, उसे बंद करने के लिए रफ्फू जरूरी है. 71 बी के द्वितीय परंतु क में विलोपन की आवश्यकता महसूस की जा रही थी, इसलिए ऐसा किया गया. उन्होंने सीएनटी के उल्लंघन मामले में सीएम हेमंत सोरेन का नाम आने पर कहा कि विधायक हो या सीएम, जिसने गलत किया, उच्चस्तरीय जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.