देवघर:प्रेस कांफ्रेंस में बुला कर पत्रकार आशीष कुंदन को थप्पड़ मारने और मोबाइल छीनने को लेकर काफी टाल-मटोल के बाद आखिरकार देवघर नगर पुलिस ने एसडीपीओ अनिमेष नैथानी पर गैर जमानतीय धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली. नगर थाना कांड संख्या 540/14 भादवि की धारा 323, 341, 379 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है. मामले के आइओ नगर थाना प्रभारी बने हैं. मामले को लेकर देवघर के पत्रकारों में आक्रोश है. गुरुवार को नगर थाने की पुलिस ने प्राथमिकी का आवेदन लेने से मना कर दिया था. बाद में वरीय पदाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद रात को आवेदन लिया गया था.
पत्रकार को थप्पड़ मारने मामले में क्या है दर्ज प्राथमिकी में
देवघर:प्राथमिकी में कहा गया है प्रभात खबर के पत्रकार आशीष कुंदन के मोबाइल नंबर 9031948868 पर एसडीपीओ अनिमेष नैथानी ने चार सितंबर को दिन के 10:36 बजे अपने सरकारी मोबाइल नंबर 9470591066 से एसएमएस भेजा. एसएमएस के अनुसार उन्होंने 12 बजे आशीष को अपने कार्यालय में बुलाया था. आशीष कुंदन कचहरी परिसर स्थित एसडीपीओ कार्यालय पहुंचे, जहां वह प्रेस वार्ता कर रहे थे. पहुंचते एसडीपीओ ने कहा कि प्रभात खबर मुङो टारगेट कर रहा है. तुमको, तुम्हारे संपादकों समेत झारखंड में स्थित कार्यालय को नेस्तनाबूत कर दूंगा. मेरा राजस्थान से लेकर देश के कई हिस्सों में सगे-संबंधी, दोस्त, जान-पहचान के लोग हैं.
अनेकों जगह पर मुकदमा करा कर तुम्हें, बाकी तुम्हारे संपादकों, स्टाफ र्पिोटर्स जो मेरे खिलाफ लिख रहे हैं, सबको तबाह कर दूंगा. इन बातों को मोबाइल द्वारा रिकॉर्ड करने के क्रम में एसडीपीओ की नजर पड़ गयी. उन्होंने मोबाइल छीन कर रिकॉर्डिग बंद करा दी. गाली देते हुए बायीं गाल पर तमाचा मार दिया. उन्होंने मोबाइल रख लिया. जान मारने की नीयत से गला दबाया. वहां उपस्थित अन्य पत्रकार, प्रेस फोटोग्राफरों ने आकर आशीष कुंदन की जान बचायी. घटना का कारण है कि रांची के तारा शाहदेव प्रकरण में गिरफ्तार आरोपित रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल प्रकरण में उनका नाम आने के बाद इससे संबंधित खबर अखबारों में छपना. प्रभात खबर ने भी इससे संबंधित समाचार प्रकाशित की थी.
अनुसंधान प्रभावित कर सकते हैं नैथानी
मामले के आरोपित कोई सामान्य व्यक्ति नहीं, बल्कि अनुमंडल क्षेत्र के पुलिस पदाधिकारी अनिमेष नैथानी हैं. गैर जमानतीय धाराओं केखिलाफ मामला दर्ज होने के बाद भी वह अब तक पद पर बने हैं. अगर किसी सामान्य व्यक्ति के खिलाफ इन धाराओं में मामला दर्ज हुआ होता, तो पुलिस उसे गिरफ्तार कर कोर्ट तक पहुंचा देती.
वरीय पदाधिकारी के खिलाफ कनीय पदाधिकारी कैसे करेंगे अनुसंधान
अपने ही वरीय पदाधिकारी के खिलाफ कनीय पदाधिकारी कांड का अनुसंधान कैसे करेंगे. क्या पत्रकार आशीष कुंदन को नगर थाना प्रभारी न्याय दिला पायेंगे. घटना के पहले चरण में ही अपने वरीय पदाधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में उनका हाथ सिहर उठा, तो क्या न्याय मिल पायेगा यह किसी से नहीं छिपा है.