सात दिन से लापता बच्चे मां संग पहुंचे थाना
सबिता ने दिया पुलिस के सामने बयान
किरीबुरू : तीन मासूम बच्चों के हफ्ते भर से लापता होने की रहस्यमयी घटना का पटाक्षेप मार्मिक अंदाज में हुआ. बुधवार को ये तीनों बच्चे लक्ष्मी (9), साहिल (7) एवं राहुल (5) अपनी मां सबिता दास के साथ किरीबुरू थाना पहुंचे.सबिता ने बताया कि वह अपने पति को बिना बताये बच्चों को लेकर चुपचाप चली गयी थी क्योंकि उसका पति उसपर और उसके बच्चों पर बेइंतहा जुल्म ढाता था.
खुद थाना पहुंचकर सबिता दास ने पुलिस को बताया कि नौ वर्ष पूर्व उसकी शादी प्रोस्पेक्टिंग निवासी टुनू पान से हुई. उसका पति टुनू नशे में धुत होकर घर आता और उसकी पिटाई करता. कई बार वह जलते हीटर में हाथ डालने के लिए बोलता, नहीं डालने पर डंडे या कोल्ड ड्रिंक की बोतल से उसके सिर व शरीर पर मारता और अधमरा कर देता. पड़ोसी व भाई भी बचाते नहीं आते. सबिता ने बताया ‘मेरा पति टुनू मेरे मासूम बच्चों को ड्रम के पानी में डुबा कर पीटता था.
मैं यह सब सालों तक सहती रही. अत्याचार जब असहनीय हुआ तो दो साल पूर्व स्थानीय पुलिस के पास गयी एवं पीड़ा बताते हुए तलाक कराने का आग्रह किया. लेकिन सफलता नहीं मिली. अंतत: अपने तीनों बच्चों को पति के पास छोड़ कर अपने बड़े पिता प्रसाद चरण दास के पास भुवनेश्वर चली गयी. इस बीच मेरे पति ने दूसरी शादी कर ली.’
सबिता ने पुलिस को बताया ‘इस बीच मुझे अपने बच्चों की चिंता सताती रहती थी. एक सप्ताह पूर्व मैंने अपने बच्चों से मिलने को सोचा पर पति के घर जाने की हिम्मत नहीं हुई. मैं अपने मां कुन्नी के घर पति से छुपते-छुपाते पहुंची.
अगले दिन मेरे बच्चे जब पास के आंगनबाड़ी स्कूल आये, तो मैं उनसे मिली. मेरे तीनों बच्चे मुझे देखकर रोने लगे. मेरे बच्चों बीते दो वर्षो में अपने पिता द्वारा प्रताड़ित किये जाने की कहानी बतायी तो मेरा कलेजा मुह को आ गया.’
सबिता ने बताया कि प्रताड़ना कीकहानी सुनने के बाद वह अपने तुरंत अपने तीनों बच्चों को बिना किसी को बताये बड़े पिता के घर भुवनेश्वर लेकर चली गयी. जब पुलिस को यह बात मालूम चली तो उसने सबिता पर दबाव बनाया कि वह अपने बच्चों को थाने में पेश करे.
इस तरह पुलिस दबाव में सबिता अपने तीनों बच्चों को लेकर किरीबुरू थाना पहुंची. उसने थाना प्रभारी से कहा कि वह तीनों बच्चों की परवरिश नहीं कर सकती, क्योंकि वह बेरोजगार है. पर वह अपने बच्चों को अब अपने पति के साथ भी नहीं छोड़ सकती क्योंकि वह इन्हे बेतरह प्रताड़ित करता है. थाना प्रभारी ने सबिता के पति टुनू की तलाश की जिसने बच्चों के गुम होने की शिकायत दर्ज करायी थी.
वह दूसरी पत्नी व बच्चों के साथ गायब था. अंतत: पुलिस ने तीनों बच्चों को कागजी कार्रवाई के बाद सबिता को सौंप दिया गया. क्योंकि तीनों बच्चों ने भी मां के साथ रहने की बात कही. थाना प्रभारी ने सबिता को भरोसा दिलाया कि वह चाइल्ड वेलफेयर कमेटी से बात कर बच्चों के भविष्य के लिए सरकारी मदद दिलाने का प्रयास करेंगे.
मेरा पति अक्सर नशे में घर लौटता और मुझसे जलते हीटर में हाथ डालने को कहता. ऐसा नहीं करने पर वह कोल्ड ड्रिंक की बोतल और डंडे से मेरी पिटाई करता. बच्चों को पानी के ड्रम में डूबोकर पीटता. मैं खुद पर और अपने बच्चों पर पति द्वारा किये जा रहे अत्याचार को वर्षो तक सहती रही.
अत्याचार जब असहनीय हुआ तो तलाक भी लेना चाहा पर सफलता नहीं मिली. दो वर्ष पूर्व तीनों बच्चों को पति के पास छोड़ कर अपने बड़े पिता प्रसाद चरण दास के पास भुवनेश्वर चली गयी. इस बीच मेरे पति ने दूसरी शादी कर ली.
सबिता दास, पीड़िता