प्रभात खबर प्रतिभा सम्मान समारोह. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की घोषणा
दूसरे स्थान पर रहनेवाले विद्यार्थियों को दो-दो लाख
तीसरा स्थान पानेवालों को एक-एक लाख रुपये
देश में पहली बार मैट्रिक व इंटर के टॉपरों को पुरस्कार के रूप में इतनी बड़ी नकद राशि मिलेगी
राज्य के तकनीकी कॉलेजों में इंटर के टॉपरों के सीधे नामांकन का रास्ता निकाल रही सरकार
रांची : राज्य सरकार मैट्रिक व इंटर की परीक्षा में पहला, दूसरा और तीसरा स्थान पानेवाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत करेगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा : मैट्रिक और इंटर के तीनों संकायों (विज्ञान, वाणिज्य व कला) में राज्य में पहले तीन स्थान पर आनेवाले विद्यार्थियों को पुरस्कार के रूप में नकद राशि दी जायेगी. पहला स्थान पानेवाले विद्यार्थियों को तीन-तीन लाख, दूसरे स्थान पर रहे विद्यार्थियों को दो-दो लाख और तीसरा स्थान पानेवाले विद्यार्थियों को एक-एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया जायेगा. झारखंड सरकार 13 जुलाई को सभी को पुरस्कार देगी.
पुरस्कार सिर्फ झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) के विद्यार्थियों को ही मिलेगा. मुख्यमंत्री रविवार को प्रभात खबर की ओर से आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह-2014 में बोल रहे थे. समारोह का आयोजन रांची विश्वविद्यालय स्थित आर्यभट्ट सभागार में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और महर्षि निखिलेश सेवा संस्थान के सहयोग से किया गया था. समारोह में 1900 विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया.
तकनीकी कॉलेजों में राज्य के टॉपरों का सीधे नामांकन हो
समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा : सरकार चाहती है कि राज्य के तकनीकी कॉलेजों में झारखंड एकेडमिक काउंसिल से पास होनेवाले टॉपरों के सीधे नामांकन हों. इसके लिए रास्ता खोजा जा रहा है. कई राज्यों में यह व्यवस्था है. उम्मीद है, जल्द ही यहां भी कोई रास्ता निकल जायेगा. उन्होंने कहा : इस राज्य में हुनर की कमी नहीं है. यहां खनिज का अपार भंडार है.
योग्य नौजवानों का भंडार भी है. यहां के बच्चों के कारण भी राज्य की अलग पहचान हो रही है. राज्य के नौजवानों को हम अपने से जोड़ें, तो पिछड़ापन दूर किया जा सकता है. राज्य में ऐसी भी प्रतिभा है, जो बिना संसाधन के मंजिल प्राप्त कर रही है. सीमित साधन में चुनौती स्वीकार करनेवाले हमेशा आगे रहते हैं. यह जीवन की सीढ़ी का महत्वपूर्ण वक्त है. इससे बहुत आगे जाना है. सरकार इन होनहार नौजवानों को ताकत दे, इस पर विचार कर रही है.
1900 विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र और मोमेंटो देकर किया गया सम्मानित
13 जुलाई को मिलेगा पुरस्कार
वर्तमान सरकार के एक वर्ष पूरे होने के अवसर पर 13 जुलाई को झारखंड एकेडमिक काउंसिल के मैट्रिक और इंटर के तीनों संकायों के टॉपरों को सम्मानित किया जायेगा. सम्मान समारोह में ही सरकार विद्यार्थियों को पुरस्कार के रूप में नकद राशि प्रदान करेगी.
शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान : गीताश्री
समारोह में मानव संसाधन विकास मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा : झारखंड एकेडमिक काउंसिल से इंटर की परीक्षा में टॉप करनेवाले विद्यार्थियों को बीआइटी मेसरा में सीध नामांकन मिलना चाहिए. सरकार इसके लिए कोई ठोस निर्णय लेना चाहती है. उन्होंने कहा : अगर लगन हो, तो विपरीत परिस्थिति में भी आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं. बस कठिन परिश्रम की जरूरत होती है. शिक्षा में शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है.
बच्चे आज अभिभावकों से ज्यादा शिक्षकों की बात मानते हैं. सरकार चाहती है कि जरूरत मंद लोगों को अच्छा मौका मिले. गरीबों तक शिक्षा व्यवस्था पहुंचे.
हुनर से ही मिलेगा रोजगार : त्रिपाठी
समारोह के दूसरे सत्र में श्रम नियोजन, प्रशिक्षण व ग्रामीण विकास मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहा : हुनर से रोजगार मिलेगा. किसी बात को लेकर संशय में नहीं रहें. लक्ष्य तय कर लें, उसके हिसाब से आगे बढ़ें. उन्होंने विद्यार्थियों से कहा : आप सब उस मिसाइल की तरह हैं, जो तैयार की जा चुकी है. अब लक्ष्य तय कर उसे छोड़ना बाकी है. मिसाइल जब चलेगी, तब पता चलेगा कि वह कहां और कैसा असर कर रही है. अब आप सब तैयार हैं.आपकी आगे की यात्रा राज्य, देश और समाज के हित में काफी महत्वपूर्ण है.
ये भी थे मौजूद
बीआइटी मेसरा के कुलपति मनोज कुमार मिश्र, रांची विश्वविद्यालय के कुलपति एलएन भगत, झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अध्यक्ष डॉ आनंद भूषण, द छोटानागपुर के प्रमंडलीय आयुक्त केके खंडेलवाल, रांची के एसएसपी प्रभात कुमार, महर्षि निखिलेश सेवा संस्थान के स्वामी ज्योति स्वरूप, एसबीआइ के आरएम देवाशीष मित्र.
दूसरों से किताब मांग कर की पढ़ाई
प्रभात खबर प्रतिभा सम्मान समारोह में इंटर आर्ट्स में राज्य में नौवां स्थान लानेवाली बेड़ो की जुलिया मिंज को भी सम्मानित किया गया. जुलिया मिंज के संघर्ष की दास्तां काफी लंबी है. सम्मान समारोह में जुलिया ने बेबाक होकर एक सुलझी हुई वक्ता की तरह अपनी बातें रखी. हम उसे प्रकाशित कर रहे हैं.
मैंजब दो साल की थी, तब पिता का देहांत हो गया. सभी मां से कहने लगे कि शादी करा दो. पर मां ने कहा कि यही मेरी बेटी है और यही मेरा बेटा है. बेटी ही मेरा नाम रोशन करेगी. मैं इसे पढ़ाऊंगी. मुङो पढ़ाने के लिए मां ने मजदूरी की. अगर आप मेहनत करते हैं, तो आपको सफलता अवश्य मिलती है. मुङो ही ले लीजिए. मैंने दूसरों से किताबें लेकर पढ़ाई की. मैंने समस्याओं से जूझते हुए मंजिल को प्राप्त करके दिखाया है. मां ने रेजा का काम करके बहुत मुश्किल से मुङो पढ़ाया.
मेरी मां अशिक्षित है, पर उसके सोच बहुत बड़े हैं. यहां पर आज वह भी होती, तो खुश होती. उसने पढ़ाई नहीं की है, पर शिक्षा के महत्व को जानती है. मां दिन भर मजदूरी करके 30 से 40 रुपये कमाती थी. मैंने भी रेजा का काम किया है. मेरे पास किताब खरीदने तक के लिए पैसे नहीं थे. सिर्फ कॉपी थी. दूसरों से किताबें लेकर पढ़ाई की. जब मेरा इंटर का सेंटर रांची में पड़ा था, उस समय मेरे दादू की तबीयत खराब थी. सेंटर तक जाने का भाड़ा भी नहीं था. मैंने मां से कहा कि इस बार इंटर की परीक्षा नहीं लिखूंगी. लेकिन मां ने कहा : मैं कहीं से पैसे लेकर आऊंगी, तुमको परीक्षा देनी है. मां ने काम करके पैसे लाकर दिये. मैं परीक्षा दी, और सफल हुई. आज मेरी मां बीमार है. मैं चाहती थी कि वह भी मेरे साथ आये, लेकिन वह यहां नहीं है. प्रभात खबर और मां को नमन करती हूं.