रांची : प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने रांची के पूर्व प्रिंसिपल आयकर आयुक्त सहित 14 के खिलाफ 5.50 करोड़ रुपये की मनी लाउंड्रिंग के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है. अभियुक्तों की सूची में पांच अधिकारी और नौ हवाला ऑपरेटर सह शेल कंपनियों के संचालक शामिल हैं.
प्रवर्तन निदेशालय(इडी) द्वारा दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि कोलकाता में पदस्थापन के दौरान के रांची के पूर्व प्रिंसिपल कमिश्नर तापस कुमार दत्ता का संबंध हवाला ऑपरेटरों और शेल कंपनी के संचालकों के साथ हो गया था.
असेसमेंट वर्ष 2012-13 में कोलकाता के आयकर विभाग ने विश्वनाथ अग्रवाल और संतोष साह की शेल कंपनियों के असेसमेंट के बाद भारी टैक्स लगाया था. इससे बचने के लिए हवाला ऑपरेटरों सह शेल कंपनियों के संचालकों ने तापस दत्ता से संपर्क कर अपना परमानेंट अकाउंट नंबर(पैन) रांची और हजारीबाग ट्रांसफर करा लिया.
इसके बाद रांची के प्रिंसिपल कमिश्नर तारस दत्ता ने अपने अधीनस्थ आयकर अधिकारियों के साथ साजिश रच शेल कंपनियों के संचालकों के पक्ष में आदेश पारित किया और कोलकाता आयकर विभाग द्वारा लगाये गये टैक्स में बड़ी राहत दी.
सीबीआइ ने जुलाई 2017 में दर्ज की थी प्राथमिकी : तापस दत्ता के इस कारनामे की शिकायत मिलने के बाद सीबीआइ दिल्ली ने इस मामले में 10 जुलाई 2017 को प्राथमिकी दर्ज की. साथ ही इस मामले से जुड़े आयकर अधिकारियों के ठिकानों पर छापा मारा था.
जांच के दौरान सीबीआइ ने तापस दत्ता के ठिकानों से 3.75 करोड़ रुपये नकद और छह किलोग्राम सोना जब्त किया. साथ ही कई चल-अचल संपत्तियों का पता लगाया. तापस दत्ता के एक मामले में सीबीआइ सितंबर 2017 में आरोप पत्र भी दायर कर चुकी है.