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अपने खर्च से बचइ बनवा रहे पुल

लौंगा नदी पर पुल बनाने के लिए बेच दी अपनी पुस्तैनी जमीन पुल बनाने के लिए लगा रहे हैं पांच लाख रुपये नगरऊंटारी (गढ़वा) : जीवन के 50 से अधिक बसंत देख चुके बचइ महतो विगत एक माह से अनवरत लौंगा नदी पर पुल बनाने में लगे हुए हैं. वे नदी में पानी आने से […]

लौंगा नदी पर पुल बनाने के लिए बेच दी अपनी पुस्तैनी जमीन

पुल बनाने के लिए लगा रहे हैं पांच लाख रुपये

नगरऊंटारी (गढ़वा) : जीवन के 50 से अधिक बसंत देख चुके बचइ महतो विगत एक माह से अनवरत लौंगा नदी पर पुल बनाने में लगे हुए हैं. वे नदी में पानी आने से पहले पुल बना लेना चाहते हैं, ताकि उनका टोला बरसात में टापू बन कर न रह जाये. पुल बनाने में वे निजी पैसा खर्च कर रहे हैं. कमाने-खाने वाले बचइ महतो ने इस पुल के लिए नगर ऊंटारी-धुरकी पथ के किनारे स्थित अपनी पुश्तैनी जमीन बेच दी है.

बचइ महतो की मानें, तो वह पुल बनाने के लिए पांच लाख रुपये तक लगाने का निश्चय कर चुके हैं. पुल निर्माण में आठ-दस मजदूर लगे हुए हैं. सभी मजदूर उन्हीं के टोले के हैं. वे मजदूर को 130 रुपये तथा राजमिस्त्री को 300 रुपये प्रतिदिन भुगतान भी करते हैं.

हर दरवाजा खटखटाने के बाद खुद की पहल

चितविश्रम ग्राम स्थित कुटहा टोला में 20 घर हैं. इस टोले में कुरमी, कहार, कुइरी व अनुसूचित जाति के लोग रहते हैं. बरसात में यह टोला टापू बन जाता है. टोले के पश्चिम लौंगा नदी तथा पूरब घघरी नाला पर बना तालाब जीवन की गति को धीमा कर देता है. लौंगा नदी पार करने के लिए इस टोले के लोगों को दो किमी का चक्कर लगाना पड़ता था, तब लोग सड़क पर पहुंचते थे. इससे समय व शक्ति दोनों की बरबादी होती थी. बचइ ने बताया कि वे इस समस्या को अपनी भावी पीढ़ी के लिए नहीं छोड़ना चाहते. पुल बनाने से पहले उसने प्रखंड से लेकर जिला तक हर दरवाजे को खटखटाया, लेकिन कहीं से मदद नहीं मिली.

इसके बाद उन्होंने अपने टोले में बैठक कर पुल बनाने के लिए सहयोग मांगा. उस समय तो सभी ने सहयोग करने की हामी भरी, लेकिन बाद में मुकर गये. इसके बाद बचइ के पास जमीन बेचने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. उन्होंने बताया कि उनके पास तीन एकड़ कृषि योग्य भूमि है. यहां अधिक बेचना पड़ता, यह सोच कर उन्होंने पक्की सड़क के किनारे की जमीन बेच दी. टोले के लोगों की समस्या तब और बढ़ गयी जब लघु सिंचाई विभाग ने नदी में बियर बना दिया. पुल निर्माण अब अंतिम चरण में है. एक फीट जोड़ कर ढलाई व फिटिंग का काम बचा है. अगले साल बचइ एप्रोच रोड बनायेंगे. पुल का डिजाइन उनका अपना है. अधिक पानी होने पर पुल के ऊपर से पानी निकल जायेगा. नदी में कम पानी होने पर ह्यूम पाइप से पानी निकलेगा. यह पुल बियर का भी काम करेगा. पुल के पास चार फीट पानी रोकने की भी व्यवस्था है.

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