रांची: बंगाल की खाड़ी में अब तक कोई हलचल नहीं होने व इसके काफी सुस्त पड़ जाने से अब झारखंड में मानसून के देर से पहुंचने के संकेत मिलने लगे हैं. अब तक मौसम वैज्ञानिकों ने केरल में छह जून को मानसून के प्रवेश करने के बाद झारखंड में 15-16 जून तक पहुंचने की संभावना व्यक्त की थी.
ताजा अनुमान से स्पष्ट हो गया है कि अब झारखंड में मानसून के प्रवेश करने में पांच से छह दिन ज्यादा लग सकते हैं. झारखंड में इसके 20 जून तक पहुंचने की संभावना है. मानसून के विलंब का असर कृषि पर पड़ने की आशंका है. लगातार तेज धूप से जहां खेतों में सब्जियां झुलस रही हैं, वहीं खेतों की मिट्टी सख्त हो गयी है. किसान खेतों की जुताई नहीं कर पा रहे हैं. 12-13 जून को प्री मानसून की संभावना व्यक्त की गयी थी. लेकिन इसके भी आसार कम दिख रहे हैं. अब प्री मानसून बारिश 15-16 जून तक होने की उम्मीद है. इससे अब बिचड़ा डालने में देरी होगी. फलस्वरूप बुआई में भी देरी होगी. जिसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ेगा.
बारिश नहीं होने और आसमान में धुंध रहने से उमस भरी गरमी से लोग परेशान हैं. रांची में 12 जून को अधिकतम तापमान 40.7 डिग्री व न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. मौसम विभाग के अनुसार 13 जून को अधिकतम तापमान 40 डिग्री रहने की संभावना है. बादल छाये रहने की उम्मीद है.
तीन दिन से एक ही जगह स्थिर है मानसून
मौसम वैज्ञानिक डॉ ए वदूद के अनुसार झारखंड में पिछले वर्ष 16 जून तक मानसून प्रवेश कर गया था और वह इतना सक्रिय था कि इसका असर देश के कई हिस्सों तक पड़ा. बंगाल की खाड़ी में जो अवयव बने हैं, वह पिछले तीन दिनों से एक ही जगह पर स्थिर है. किसी प्रकार की कोई हलचल नहीं हो रही है. सक्रियता नहीं है. डॉ वदूद ने बताया कि कभी-कभार देखा गया है कि अवयव कई दिनों से सक्रिय नहीं हैं, लेकिन अचानक इसमें हलचल होती है और सारे अनुमान धरे रह जाते हैं और उम्मीद से पहले मानसून पहुंच जाता है. ऐसा पिछले वर्ष भी देखने को मिला था.