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मूलवासियों को ही थर्ड व फोर्थ ग्रेड की नौकरी

रांची: स्थानीय नीति तय करने के लिए बनायी गयी कमेटी ने बुधवार को अंतिम बैठक कर ड्राफ्ट को अंतिम रूप दे दिया. बैठक के बाद कमेटी के सदस्यों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इसका प्रारूप सौंप दिया. स्थानीय नीति के प्रारूप में कमेटी ने तृतीय व चतुर्थ वर्ग की नौकरियां सिर्फ मूलवासियों को ही दिये […]

रांची: स्थानीय नीति तय करने के लिए बनायी गयी कमेटी ने बुधवार को अंतिम बैठक कर ड्राफ्ट को अंतिम रूप दे दिया. बैठक के बाद कमेटी के सदस्यों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इसका प्रारूप सौंप दिया. स्थानीय नीति के प्रारूप में कमेटी ने तृतीय व चतुर्थ वर्ग की नौकरियां सिर्फ मूलवासियों को ही दिये जाने की अनुशंसा की है. कमेटी ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि राज्य सरकार ऐसा कानून बनाये, जिससे मूलवासी को ही इन श्रेणियों में नौकरी मिले. कमेटी ने झारखंडवासी के लिए छत्तीसगढ़ के फॉरमूले पर विचार करने का प्रस्ताव दिया है. तय किया है कि झारखंड में मूलवासी व झारखंडवासी अलग-अलग होंगे.

पहचान के लिए कई प्रावधान : मूलवासी की पहचान के लिए कमेटी ने कई प्रावधान तय किये हैं. अंतिम सर्वे सेटलमेंट में जिनका नाम खतियान में है, उसे आधार माना जायेगा.

भूमिहीन मूलवासियों की पहचान ग्राम सभा की ओर से की जायेगी. भूमिहीनों के लिए वंशावली को भी आधार बनाया जायेगा. ग्रामसभा तीन पीढ़ियों से रहनेवालों को मूलवासी का दरजा दे सकती है. इसके साथ जिन मूलवासी के पास खतियान नहीं है, उनकी बेसिक शिक्षा का आधार माना जायेगा. इसमें सातवीं की पढ़ाई को आधार बनाया जा सकता है.

झारखंडवासी ले सकते हैं प्रमाण पत्र
कमेटी ने झारखंडवासी की पहचान के लिए कोई भी कट ऑफ डेट तय नहीं किया है. इसमें छत्तीसगढ़ का प्रावधान मानने पर सहमति बनी है. इसमें राज्य में रहनेवाले (गैर मूलवासी) को राज्य सरकार की ओर से केवल जरूरत पड़ने पर निवासी का प्रमाण पत्र दिया जायेगा.

क्या है छत्तीसगढ़ की नीति ( स्थानीय के लिए)

1. व्यक्ति यदि छत्तीसगढ़ में जन्म लिया हो

2. व्यक्ति या उसके माता-पिता छत्तीसगढ़ में 15 वर्षो से रह रहे हों

3. माता-पिता केंद्र या राज्य सरकार की नौकरी के दौरान छत्तीसगढ़ के किसी जिले में पदस्थापित रहा हो या सेवानिवृत्त हो चुका हो

4. व्यक्ति या उसके माता-पिता का छत्तीसगढ़ में पिछले पांच वर्षो से अचल संपत्ति, उद्योग, कृषि या अन्य कोई व्यवसाय हो

5. व्यक्ति कम से कम तीन वर्षो तक छत्तीसगढ़ में पढ़ाई किया हो

6. व्यक्ति इनमें से कोई एक परीक्षा छत्तीसगढ़ में पास की हो, उच्च शिक्षा, कक्षा आठ, कक्षा चार या पांच की परीक्षा

7. कोई महिला भले ही राज्य की ना हो, पर यदि उसका विवाह राज्य के स्थायी निवासी के साथ हुआ हो, तो वह प्रमाण पत्र हासिल कर सकती है.

बैठक में कौन-कौन थे मौजूद
मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह, गीताश्री उरांव, सुरेश पासवान और बंधु तिर्की, डॉ सरफराज अहमद, लोबिन हेंब्रम, चंपई सोरेन और कार्मिक सचिव एसके सतपथी सहित दूसरे अधिकारी मौजूद थे.

मूलवासी को अधिक अधिकार : बंधु
तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरियां केवल मूलवासियों को दी जायेंगी. स्थानीय नौकरियों पर उनका हक होगा. कमेटी ने ऐसे प्रावधान बनाये हैं, जिससे मूलवासी को ज्यादा से ज्यादा अधिकार मिले. – बंधु तिर्की, कमेटी के सदस्य

कौन होगा मूलवासी

1. अंतिम सर्वे सेटेलमेंट में जिसका नाम खतियान में हो

2. वंशावली के आधार पर तीन पीढ़ी से झारखंड में रहनेवाले भूमिहीन

3. बेसिक शिक्षा स्थानीय स्तर पर हुई हो

4. ग्रामसभा द्वारा सत्यापित को भी मूलवासी मना जायेगा जिनकी पहचान तीन पीढ़ियों से उक्त राजस्व ग्राम में हो

कौन होगा झारखंड का वासी

1. वह जो झारखंड में पैदा हुआ हो

2. वह या उसके पालक या वैध अभिभावक झारखंड में लगातार 15 वर्ष से रह रहे हों

3. उसके पालक में से कोई राज्य शासन का सेवारत या सेवानिवृत्त कर्मचारी हो या केंद्रीय शासन का कर्मचारी हो जो झारखंड में कार्यरत हो

4. वह या उसके पालक राज्य में पिछले पांच वर्षो से कोई अचल संपत्ति, उद्योग या व्यवसाय करते हों

5. उसने अपनी शिक्षा झारखंड राज्य अथवा अविभाजित बिहार के झारखंड राज्य में शामिल किसी भी शिक्षण संस्थान से कम-से-कम तीन वर्ष तक प्राप्त की हो

6. झारखंड राज्य में स्थित किसी भी शिक्षण संस्था से निमAलिखित परीक्षा उत्तीर्ण की हो

क . यदि किसी संस्था में प्रवेश के लिए या शासन के अधीन सेवा के लिए न्यूनतम शैक्षणिक मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय की स्नातक या उससे उच्चतर उपाधि निर्धारित हो, तो उच्चतर माध्यमिक परीक्षा या आठवीं कक्षा की परीक्षा

ख. विश्वविद्यालय या बोर्ड की इंटरमीडिएट, हायर सेकेंडरी या कोई समकक्ष परीक्षा निर्धारित की गयी हो, तो आठवीं कक्षा की परीक्षा

ग. अन्य मामलों में पांचवीं कक्षा की परीक्षा

‘‘कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. अभी प्रारूप नहीं देखा हूं. इस पर तेजी से कार्रवाई होगी. जल्द सर्वदलीय बैठक बुलायी जायेगी. सहयोगी दलों के साथ भी बैठक कर सहमति बनायी जायेगी. सभी पक्षों से बात करने के बाद इसे विधानसभा में लाया जायेगा. सरकार स्थानीय नीति तय करने के लिए तेजी से पहल करेगी.

हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री

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