रांची: देश भर में धमाकों के जरिये आतंक कायम करनेवाले आतंकी संगठन आइएम (इंडियन मुजाहिद्दीन) अब सफाये के करीब है. पिछले पांच-छह सालों में सुरक्षा एजेंसियों ने इस संगठन के 50 से अधिक आतंकियों को गिरफ्तार किया है.
इसमें संगठन के प्रमुख यासीन भटकल से लेकर बम बनाने के एक्सपर्ट जिया-उर-रहमान तक शामिल है. पटना सीरियल ब्लास्ट के बाद जिस तरह सुरक्षा एजेंसियों ने इसके सदस्यों को गिरफ्तार किया, उसके बाद यह माना जाने लगा है कि यह संगठन खत्म होने के करीब है. हालांकि इस संगठन के चार प्रमुख आतंकी अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं. इनके बारे में कहा जा रहा है कि ये सभी पाकिस्तान में जाकर छिपे हैं.
सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े अफसरों के मुताबिक जिस तेजी से आइएम का सफाया हो रहा है, उसी तेजी से सिमी (इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) की सक्रियता बढ़ने की सूचना मिल रही है. आइएम की तरह ही सिमी भी प्रतिबंधित संगठन है. इस संगठन का गठन 1977 में हुआ था. अंतिम बार आठ फरवरी 2006 को इस पर प्रतिबंध लगा था, जिसके बाद से यह संगठन प्रतिबंधित है. सिमी को प्रतिबंधित किये जाने के बाद ही इसके कुछ लोगों ने वर्ष 2008 में इंडियन मुजाहिद्दीन का गठन किया था. आइएम के गठन को लेकर यूपी में हुई एक बैठक में फैसला लिया गया था, जिस पर अंतिम रूप से कोलकाता में हुई सिमी के लोगों की बैठक में मंजूरी दी गयी थी. इसके बाद आइएम के सदस्यों को केरल में प्रशिक्षण दिया गया था.
पकड़े गये आतंकी
यासीन भटकल (संस्थापक), तहसीन अख्तर (भटकल के बाद प्रमुख बना), जिया-उर-रहमान (बम एक्सपर्ट), उज्जैर अहमद (विस्तार करनेवाला), मंजर इमाम, दानिश, इम्तियाज, हैदर, नुमान, आफताब, अरशद, असलम, परवेज, सोनू व इफ्तेखार