रांची/ राज्यसभा के चुनाव में झामुमो इस बार स्व सुधीर महतो की पत्नी सविता महतो को टिकट दे सकता है. झामुमो ने इस बार हर हाल में अपना उम्मीदवार देने की बात कही है.दूसरी ओर भाजपा ने इस पर विचार करने की बात कही है.
भाजपा इस मामले में सर्वसम्मति बनाने की बात कह रही है. हालांकि वर्तमान दलगत स्थिति में कोई भी पार्टी अकेले दम पर उम्मीदवार देने की स्थिति में नहीं है.
ऐसे में यूपीए का पलड़ा भारी प्रतीत होता है. यूपीए के पास इस समय 39 विधायक व विपक्ष के पास 37 विधायक हैं. गौरतलब है कि पिछली बार के चुनाव में यूपीए गंठबंधन के उम्मीदवार के रूप में प्रेमचंद गुप्ता व निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में परिमल नाथवाणी ने जीत दर्ज की थी. श्री नाथवाणी को भाजपा व आजसू ने समर्थन दिया था. वहीं श्री गुप्ता को झामुमो, कांग्रेस और राजद ने समर्थन दिया था. पिछली बार झामुमो ने सविता महतो को उम्मीदवार घोषित कर दिया था. इसके बावजूद सहयोगी दलों के दबाव में श्रीमती महतो का नाम वापस लेना पड़ा था. इस बार झामुमो अपना उम्मीदवार देने की तैयारी में है.
राज्यसभा की सीट पर हमारा स्वाभाविक दावा बनता है. केडी सिंह झामुमो के टिकट पर ही जीते थे. उनके इस्तीफे के बाद यह सीट रिक्त हुई है. इस नाते भी झामुमो का दावा बनता है. पिछली बार सविता महतो के मामले में सहयोगी दलों ने कहा था कि अगली बार के चुनाव में सहयोग किया जायेगा. पार्टी जल्द ही इस मुद्दे पर बात कर अपना फैसला सुना देगी.
सुप्रियो भट्टाचार्य, महासचिव झामुमो