आनंद जायसवाल
दुमका : केंद्रीय कारा के अंदर बंद कैदियों में कारा प्रशासन हुनर विकसित करने में लगा हुआ है, ताकि कैदी जब जेल से बाहर आये, तो वे अपराध की दुनिया से दूर मुख्य धारा में जुड़े और अपने परिवार का जीवन-यापन बेहतर ढंग से कर सके. दुमका केंद्रीय कारा में सूती व ऊनी कपड़े, साबुन, फिनाइल आदि तैयार तो हो ही रहे थे और उत्पादित वस्तुओं को पूरे संताल परगना के विभिन्न जेलों में आपूर्ति भी की जाती थी.
अब जल्द ही विक्रय केंद्रों और प्रदर्शनी स्टॉलों में जेल में ही उत्पादित उच्च कोटी के सिल्क के कपड़े भी नजर आयेंगे. मटका सिल्क कपड़ेका उत्पादन सेंट्रल जेल में शुरू कर दिया गया है. लगभग दो दर्जन पुरुष बंदी मटका सिल्क कपड़े की बुनायी कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व जेल के अंदर बंद महिला बंदियों द्वारा बड़े पैमाने पर सिल्क के धागे तैयार किये जाते थे.
जेल में तैयार धागे की भी की अच्छी-खासी मांग थी. लिहाजा जेल अधीक्षक रुपम प्रसाद ने प्रयास कर मटका सिल्क कपड़े का उत्पादन कराने का निर्णय लिया था.