रांची: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस छोड़ कर दूसरे दलों के साथ जाने वाले नेताओं पर पार्टी ने कार्रवाई की है. लोकसभा चुनाव में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी और संगठन के विरोध में काम करने वाले नेताओं को छह वर्षो के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया है.
मंगलवार को अनुशासन समिति की बैठक में प्रदेश के दिग्गज नेताओं को पार्टी से निष्कासित करने का फैसला लिया गया. पार्टी ने पूर्व मंत्री चंद्रशेखर दुबे, स्टीफन मरांडी, इजारइल अंसारी, नियेल तिर्की, केएस चटर्जी, शशिकांत तिर्की, मृत्युंजय शर्मा, क्लेमेंसिया हेमरोम, देवाशीष राय, राजेश मंड, नितिमा बारी बोदरा और प्रदीप केशरी को हटाने का निर्णय लिया है. प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत की अध्यक्षता में हुई बैठक में समिति के सदस्यों ने संगठन के खिलाफ काम करने वाले नेताओं-पदाधिकारियों के कार्यो की समीक्षा की. बैठक में गीता श्री उरांव, राधाकृष्ण किशोर, हरि नारायण प्रसाद और अशोक चौधरी शामिल थे.
भाटिया को भी निलंबित किया गया
अनुशासन समिति की बैठक में प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य रोशन लाल भाटिया को निलंबित करने का फैसला लिया गया. सदस्य हरिनारायण प्रसाद ने बताया कि पहले चरण के मतदान के बाद श्री भाटिया ने संगठन विरोधी बयान दिया था. इस बयान से झारखंड में दूसरे और तीसरे चरण में होने वाले चुनाव में प्रतिकूल प्रभाव पड़ा. पार्टी के प्रत्याशियों को कमजोर करने का प्रयास किया गया. पार्टी ने भाटिया से उनके बयान पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
जिला अध्यक्षों व प्रभारियों से मांगी गयी है सूची
प्रदेश कांग्रेस ने जिलाध्यक्ष और प्रभारियों से ऐसे लोगों की सूची मांगी है, जिन्होंने संगठन के विरोध में काम किया. यूपीए प्रत्याशी को कमजोर करने का काम किया हो. पार्टी जिला से मिलने वाली सूची के आधार पर कार्रवाई करेगी.