रामलाल की गिरफ्तारी के बाद हुई दोनों बड़ी घटनाएं
जोनल कमांडर रामलाल राय की पिछले साल फरवरी 2013 में हुई गिरफ्तारी के बाद से दुमका जिले में भाकपा माओवादियों ने बड़ी-बड़ी घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस को चुनौती दी है तथा बदला लिया है. रामलाल राय पांच लाख रुपये का इनामी था. लगभग दो दर्जन कांडों में वह संलिप्त रहा था. रामलाल के पहले रामलाल का पिता बद्री राय ने संताल परगना में माओवादियों के संगठन का विस्तार किया था. माना जाता रहा है कि वह इस क्षेत्र में माओवादी संगठन का विस्तारक रहा है. फिलवक्त रामलाल राय का छोटा भाई सहदेव राय उर्फ ताला दा संगठन की कमान संभाले हुए हैं.
2009 में दो बीएसएफ जवानों को बनाया था निशाना
दुमका : माओवादियों द्वारा इस क्षेत्र में लैंड माइंस विस्फोट के जरिये बड़ी वारदात को अंजाम दिये जाने की यह पहली घटना है. लगभग 10 महीने पहले दो जुलाई को ही नक्सलियों ने काठीकुंड के अमतल्ला में पाकुड़ के एसपी अमरजीत बलिहार सहित पांच पुलिसकर्मियों को अपना निशाना बनाया था. उसके बाद से ही माना जा रहा था कि इलाके में नक्सलियों के हौसले बढ़ गये थे. नक्सलियों ने यह दूसरी बड़ी घटना को अंजाम दिया है.
शिकारीपाड़ा में नक्सलियों ने पिछले विधानसभा चुनाव में 8 दिसंबर 2009 को नक्सल प्रभावित इलाके में दुमका-रामपुरहाट मुख्य मार्ग पर चायपानी गांव में बीएसएफ के दो जवानों को अपना निशाना बनाया था. उनके हथियार भी लूट लिए थे. जबकि आज से ठीक पांच साल पहले 23 अप्रैल 2009 को लोकसभा चुनाव कराकर लौट रहे मतदानकर्मियों पर काठीकुंड जंगल में नक्सली हमला किया गया था, जिसमें एक चौकीदार शहीद हो गया था.