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रिम्स में 30 वर्षो से पड़ा है बिसरा, प्रशासन नहीं करा रहा जांच

-राजीव पांडेय- रांचीःरिम्स के फारेंसिक विभाग में करीब आधे दर्जन से ज्यादा बिसरा (शरीर के आंतरिक अंग का भाग) करीब 25 से 30 वर्षो से पड़ा है. इसकी जांच नहीं हो पा रही है. ज्यादा दिन तक बिसरा रहने के कारण जांच की उपयोगिता पर भी असर पड़ने की संभावना है. इसके बावजूद जांच सुनिश्चित […]

-राजीव पांडेय-

रांचीःरिम्स के फारेंसिक विभाग में करीब आधे दर्जन से ज्यादा बिसरा (शरीर के आंतरिक अंग का भाग) करीब 25 से 30 वर्षो से पड़ा है. इसकी जांच नहीं हो पा रही है. ज्यादा दिन तक बिसरा रहने के कारण जांच की उपयोगिता पर भी असर पड़ने की संभावना है. इसके बावजूद जांच सुनिश्चित नहीं की जा रही है. रिम्स प्रबंधन द्वारा कई बार वर्षो से पड़े बिसरा की जांच करने एवं निष्पादन के लिए पुलिस प्रशासन को लिखा गया, लेकिन कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है.

कुछ बिसरा के लिए शून्य से चार डिग्री तापमान की जरूरत

अधिकतर बिसरा को रखने के लिए नमक का घोल इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन जिसका डीएनए जांच करने की जरूरत पड़ती है उस केस में बिसरा को शून्य डिग्री तापमान से चार डिग्री तापमान पर रखा जाता है. तापमान का अनुपालन नहीं करने पर बिसरा के खराब होने की संभावना रहती है.

फॉरेंसिक विभाग में आधा दर्जन से ज्यादा बिसरा

क्या है बिसरा

शरीर के आंतरिक आर्गन (लंग्स, हृदय, अमाशय, आंत, ब्रेन, किडनी, स्प्लीन ) के कुछ भाग को निकाला जाता है. आर्गन के इस भाग को सेचुरेटेड ऑफ कॉमन सॉल्ट (नमक) में डाल कर रखा जाता है.

क्यों लिया जाता है बिसरा

संदेहास्पद मौत के मामले में पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों की टीम को यह लगता है कि इस केस में आगे के जांच की जरूरत पड़ती है, तो शरीर से बिसरा निकाला जाता है. बिसरा की जांच फारेसिंक साइंस लेबोरेटरी की रांची में जांच की जाती है.

कैसे-कैसे केस

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