रांची : उत्पाद विभाग व पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में नामकुम के जोरार से बड़ी मात्रा में नकली शराब की खेप पकड़ी गयी. यहां एक घर में सैकड़ों कार्टून में रखी शराब व स्प्रिट जब्त की गयी. बताया जा रहा है कि पकड़ी गयी इस नकली शराब की कीमत 50 लाख रुपये से भी अधिक है. छापेमारी के दौरान घर के बाहर खड़ी एक क्वालिस व एक मारुति वैन से भी शराब की बोतलें बरामद की गयीं. जिन्हें खपाने के लिए दूसरी जगह भेजने की तैयारी की जा रही थी. यह कार्रवाई हाल के दिनों में उत्पाद विभाग की सबसे बड़ी कार्रवाई है.
इधर, छापेमारी की भनक लगते ही घर से इस धंधे से जुड़े लोग निकल गये, जिससे किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. नामकुम थाना प्रभारी राजेश प्रसाद रजक ने बताया कि यह सारा कारोबार घनश्याम सिंधिया संचालित करता है. जिस घर में शराब छिपा कर रखी गयी थी, उसके मालिक की खोजबीन की जा रही है. मंगलवार को उत्पाद सचिव अविनाश कुमार के निर्देश पर की गयी इस छापेमारी का नेतृत्व सहायक उत्पाद आयुक्त उमाशंकर सिंह व सहायक उत्पाद निरीक्षक प्रवीण चौधरी ने किया. टीम में डीएसपी अमित कच्छप के अलावे नामकुम थाना, टाटीसिलवे थाना व उत्पाद विभाग के अधिकारी भी शामिल थे.
असली व नकली में फर्क मुश्किल
छापेमारी में पकड़ी गयी नकली शराब की पैकिंग इतने बढ़िया तरीके से की गयी है कि असली शराब व यहां बनी नकली शराब में फर्क करना मुश्किल है. लगभग सभी प्रमुख ब्रांड (अंगरेजी शराब) की शराब के रैपर यहां मिली बोतलों में लगे थे. इतना ही नहीं उन पर आर्मी को सप्लाई के लिए आनेवाली बोतल में लगे स्टांप व झारखंड सरकार की मुहर भी लगी हुई थी.
कम कीमत की वजह से खरीदते हैं लोग
नामकुम व आसपास के क्षेत्रों में आर्मी को सप्लाई के लिए आनेवाली शराब कुछ जवान आम लोगों व अपने परिचित को भी बेच देते हैं. ऐसी स्थिति में एक ही ब्रांड की शराब बाजार दर से काफी कम कीमत में मिलने से लोग इन नकली शराब को कैंटीन की शराब समझ धड़ल्ले से खरीद लेते हैं. कई किराने की दुकानों में भी शराब का कारोबार चलाया जाता है, जिससे नकली शराब आसानी से खपा दी जाती है.