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सहायता कार्य पर हुई ‘मॉक ड्रिल’

शराबबंदी के बाद अवैध शराब के बनने-बिकने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. असामाजिक तत्वों द्वारा गैरकानूनी तरीके से मेथानॉल आदि का उपयोग कर शराब का उत्पादन किया जा सकता है, जिसके सेवन से गंभीर दुष्परिणाम सामने आ सकते है. सरकार और प्रशासन ने इससे बचने के लिए पूर्वाभ्यास का एक नया […]

शराबबंदी के बाद अवैध शराब के बनने-बिकने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. असामाजिक तत्वों द्वारा गैरकानूनी तरीके से मेथानॉल आदि का उपयोग कर शराब का उत्पादन किया जा सकता है, जिसके सेवन से गंभीर दुष्परिणाम सामने आ सकते है. सरकार और प्रशासन ने इससे बचने के लिए पूर्वाभ्यास का एक नया प्रयोग किया है.

हाजीपुर : नगर की एक महादलित बस्ती. अवैध रूप से बनाई गई जहरीली शराब पीने के कारण यहां कई लोगों की हालत अचानक बिगड़ जाती है. आनन-फानन में मौके पर पहुंचती है चिकित्सकों की टीम, एंबुलेंस और पुलिस की गाड़ी. तत्काल शुरू होता है प्राथमिक उपचार और बीमार पड़े लोगों को एंबुलेंस से लाया जाता है
सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में. इसके बाद सबों को नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल कराया जाता है. यह घटित हुई घटना नहीं, बल्कि शनिवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा नगर में किए गये मॉक ड्रिल का दृश्य था. जब ऐसी घटना सामने आये तो उस स्थिति से निपटने के लिए सिविल सर्जन की देखरेख में यह पूर्वाभ्यास किया गया.
ऐसे हुई मॉक ड्रिल जुट गयी भारी भीड़
सदर अस्पताल से एक एंबुलेंस पर पहले लगभग आधा दर्जन फॉल्स मरीजों को शहर के वैशाली महिला कॉलेज के समीप स्थित महादलित बस्ती में भेजा गया. उसके बाद दवाओं एवं चिकित्सीय उपकरणों के साथ मौके पर चिकित्सा टीम पहुंची. मॉक ड्रिल में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ यूपी वर्मा, नशा मुक्ति केंद्र के नोडल पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार शर्मा, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशरफ बदर एवं डॉ एसके दिवाकर, कार्यालय प्रभारी सुधीर कुमार, ए ग्रेड नर्स अंजू कुमारी आदि ने हिस्सा लिया.

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