हाजीपुर : डेढ़ दशक पूर्व तक इसकी स्थिति ठीक-ठाक थी. कर्मचारियों के रूप में 65 लोग स्थानीय रूप से जुड़े थे और पांच हजार से ऊपर कामगार थे, जिनमें महिला कामगार की संख्या चार हजार थी. वर्तमान में 30 कर्मचारी और एक हजार कामगार पर सिमट गया है. यहां माल तैयार करने वाले सभी यूनिट बंद हैं.
क्या-क्या तैयार होता था : संघ द्वारा सरसों तेल, मधु, रूई धुनाई और सूत निर्माण, अगरबत्ती निर्माण, सूती-खादी कपड़ा, सत्तू आदि को तैयार कर व्यापार किया जाता था, जो अब पूर्णत: बंद है. कर्मी कुछ सामान की खरीदारी कर निजी स्तर पर व्यापार करते हैं. कर्मियों ने प्रयास तो अवश्य किया, लेकिन सफलता नहीं मिली. अब नयी सरकार से कुछ उम्मीद बंधी है.