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निरीक्षण के बाद जगी है आस, दूर होगी समस्याएं

छातापुर : प्रखंड क्षेत्र में शोक नदी के तौर पर जानी जाने वाली सुरसर की समस्या से अब इलाके वासियों को स्थायी रूप से निजात मिल सकती है. जनप्रतिनिधि व विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण यह समस्या दशकों से बनी हुई है. लेकिन सांसद रंजीत रंजन ने समस्या को गंभीरता से लेते हुए बुधवार […]

छातापुर : प्रखंड क्षेत्र में शोक नदी के तौर पर जानी जाने वाली सुरसर की समस्या से अब इलाके वासियों को स्थायी रूप से निजात मिल सकती है. जनप्रतिनिधि व विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण यह समस्या दशकों से बनी हुई है. लेकिन सांसद रंजीत रंजन ने समस्या को गंभीरता से लेते हुए बुधवार को विभागीय अभियंताओं के साथ क्षतिग्रस्त तटबंध का स्थलीय निरीक्षण किया. इससे इलाके वासियों में अब समस्या से निजात मिलने की उम्मीद जगी है.

दरअसल सुरसर नदी पूर्व के दशकों में धार के नाम से जानी जाती थी. हालांकि उसमें साल के 12 माह जल प्रवाहित होता था, लेकिन 2008 में जब कुशहा का तटबंध टूटा तो प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों स्थान पर तटबंध को क्षतिग्रस्त करते हुए जल का बहाव नदी के बाहरी इलाकों में होने लगा. जहां आज भी खुले रूप में जल प्रवाहित है. इसका नतीजा है कि बरसात में सुरसर की भयावहता इलाके में भारी तबाही मचाती है. क्षतिग्रस्त तटबंध से बाहर निकली जलधारा ने सैकड़ों एकड़ निजी जमीन को अपने आगोश में ले लिया है. वहीं हजारों एकड़ में लगी फसल भी आंशिक रूप से इसके कारण प्रभावित होते रहती है

. इसके अलावा कई गांव के लिए आवागमन में भी गंभीर समस्या हो रही है. निरीक्षण के उपरांत सांसद ने बताया कि अभियंताओं को समस्या के समाधान के लिए स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं. शीघ्र ही इस दिशा में पहल भी आरंभ की जायेगी. मौके पर काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.

पायलट प्रोजेक्ट के तहत होगा काम
सुरसर तटबंध का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद महम्मदगंज पंचायत की मुखिया कुमारी कस्तूरी के हसनपुर स्थित निवास स्थान सांसद ने पत्रकारों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि सुरसर नदी पर नये सिरे से तटबंध का निर्माण होगा. उनका प्रयास है कि इस बरसात से पहले ही निर्माण कार्य पूरा हो जाय, ताकि आमजनों के नुकसान को रोका जा सके. इसके लिए उन्होंने विभाग के अभियंता को निर्देश दिया है. हालांकि अभियंता ने बताया कि इस साल का ड्रेनेज बजट तैयार कर विभाग को भेजा जा चुका है. इसकी राशि मात्र 71 लाख रुपये है. नये सिरे से तटबंध निर्माण पर करोड़ों की लागत आयेगी.
ऐसी स्थिति में अब अगले साल ही बजट में तटबंध निर्माण को शामिल किया जा सकता है. सांसद ने कहा कि उन्होंने अभियंता से कहा है कि वे बेहतर तरीके से प्रस्ताव तैयार कर अविलंब विभाग को भेजें, ताकि इस बरसात से पूर्व तटबंध का निर्माण कार्य कराया जा सके. सांसद ने कहा कि इस कार्य को उन्होंने गंभीरता से लिया है. पायलट प्रोजेक्ट तैयार कर विभागीय मंत्री से अनुरोध किया जायेगा. जरूरत पड़ी तो वे केंद्र सरकार के मंत्री से भी अनुरोध करेंगी.
वहीं जल निस्सरण विभाग राघोपुर प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ई मनोज कुमार झा ने बताया कि तटबंध निर्माण के लिए सर्वे कार्य कराने के लिए प्राक्कलन तैयार कर विभाग को भेजा गया है. सर्वे कार्य पूरा होने के बाद प्राक्कलन तैयार कर प्रस्ताव भेजा जायेगा. उक्त प्रस्ताव पर पटना की बैठक में मुहर लगने के बाद राशि आवंटित होते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जायेगा.

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