तापमान के लुढ़कने से लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा प्रतिकूल असर
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अपने मन से न लें एंटीबायोटिक दवाएं
तापमान के लुढ़कने से लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा प्रतिकूल असर सुपौल : बदलते मौसम व कंपकपाती ठंड के बीच अगहन मास दश्तक दे चुकी है. तापमान के लुढ़कने से लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर देखा जा रहा है. साथ ही लुढ़क रही पारा की वजह से सर्दी और जुकाम के मरीजों की […]
सुपौल : बदलते मौसम व कंपकपाती ठंड के बीच अगहन मास दश्तक दे चुकी है. तापमान के लुढ़कने से लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर देखा जा रहा है. साथ ही लुढ़क रही पारा की वजह से सर्दी और जुकाम के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. भागमभाग सी जिंदगी व जल्दबाजी के चक्कर में उक्त समस्या से पीड़ित अधिकांश लोग डॉक्टरी सलाह के बजाय खुद ही एंटीबायोटिक दवा लेना शुरू कर देते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए नुकासनदेह भी साबित हो सकता है. ऐसे में दवाओं की जगह अगर देसी व घरेलु नुस्खे आजमाये जायें तो सेहत कहीं अधिक बेहतर हो सकती है. वैसे तो सर्दियों में चाय और कॉफी के अपने अलग फायदे गिनाये जाते रहे हैं.
बावजूद इसके यदि आप कफ या बलगम की परेशानियों से बचना चाहते हैं तो नींबू की चाय या एरोम फ्लेवर की ब्लैक टी या फिर टमाटर सूप का विकल्प अपना सकते हैं. भोजन एवं नाश्ते के बाद गुनगुने पानी का इस्तेमाल सेहत के लिए ज्यादा ठीक होता है. इसके अलावा चीनी की जगह शक्कर का इस्तेमाल भी बेहतर हो सकती है. रात के खाने में चावल, दाल या सलाद से परहेज करना चाहिए. मॉर्निंग वाक के लिए विलंब से निकलें और व्यायाम करें. तुलसी के पत्तों का गाढ़ा गले की खरांस अथवा रूकावट को दूर करता है. तुलसी के पत्तों को गर्म पानी में डाल कर उसके भाप का सांस लेने से कफ संबधी शिकायते दूर होती है. तुलसी को एंटीइंफ्लामेट्री भी माना जाता है, जो नसों में होने वाले संकुचन को कम करता है.
सर्दी और जुकाम में अदरक है फायदेमंद
सर्दी और जुकाम में अदरक का इस्तेमाल रामवाण माना जाता है. अदरक से तैयार गर्म पेय बाहरी तापमान के अनुरुप शरीर के तापमान को बनाये रखने में उपयोगी है. ठंड के मौसम में समुचित मात्रा में अदरक के सेवन करने से जहां गले की परेशानी में राहत मिलती है. वहीं शरीर को तापमान अनुरूप बरकरार रखने में भी सहायक सिद्ध होता रहा है. रात में सोने से पहले अदरक का शहद के साथ उपयोग करने से यह श्वसन प्रक्रिया को सही करता है.
हल्दी व दूध से मिलती है राहत
हड्डी के जोड़ों के दर्द की क्रॉनिक बीमारियों में एलोपैथिक दवाओं के साथ सुबह-शाम एक-एक ग्लास हल्दी मिश्रित दूध लेना फायदेमंद है. जिससे दर्द की समस्या से निजात पाया जा सकता है. जानकारों की माने तो हल्दी में एंटी ऑक्सीडेंट्स होने के कारण यह रक्त संचार को बेहतर रखने में मददगार है. वहीं दूध में कई ऐसे विटामिन व मिनरल्स पाये जाते है. जो लोगों के स्वास्थ्य को भरपूर पोषण देता है. साथ ही सूखी और हरी मेंथी के पत्ते का अधिक इस्तेमाल भी जोरों के दर्द से राहत दिलाने में सहायक माना जाता रहा है.
दालचीनी को गरम पानी में डाल कर भाप लें
भोजन में दालचीनी का उपयोग कर सर्दी व फ्लू से बचा सकता है. सर्दियों में इसके उपयोग से क्रॉनिक पत्मोनरी ऑक्सट्राक्टिव बीमारी को दूर करने में सहायक है. गर्म पानी में दालचीनी को डालकर उसका भाप लेने से बलगम कम हो जाता है. शक्कर के साथ दालचीनी का नियमित इस्तेमाल करने से हृदय रोग होने का खतरा कम रहता है.
जायफल का रस बच्चों के लिए लाभकारी
बच्चों का जिद व अभिभावकों की लापरवाही के कारण बच्चे सर्दी की चपेट में आ जाते हैं. ऐसी स्थिति में सर्दी और जुकाम से बचाने के लिए जायफल घिसकर बच्चों को पिलाने से काफी लाभ मिलता है. साथ ही कच्चा लहसुन का रस और शहद मिलाकर बच्चें को खुराक मिलाने से निमोनिया, जन्य बुखार व कफ में काफी फायदा पहुंचता है.बात, पित्त और कफ सभी बीमारियों का कारण है. रोगों की जानकारी मरीजों के नाड़ी परीक्षण से किया जाता है. इस मौसम में अधिकतर लोगों को पित्त का दोष होता है. जिससे ज्वर, दस्त आदि बीमारियां होती है. इससे बचने के लिए सबसे अच्छे घरेलु नुस्खे हैं.
शिव कुमार, आयुर्वेदिक चिकित्सक.
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