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स्क्रूटनी में खुलासा: मैट्रिक की कॉपियों के मूल्यांकन में भी घोटाला
सुपौल (पंकज) इंटर ही नहीं, मैट्रिक परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन में भी घोटाला हुआ है. इसका खुलासा यहां स्क्रूटनी के बाद हुआ है. यहां वैशाली जिले की मैट्रिक परीक्षा की काॅपियों का मूल्यांकन किया गया था. जानकारी के अनुसार मूल्यांकन के दौरान परीक्षक द्वारा दिये गये अंक और स्क्रूटनी के बाद प्राप्त अंक में […]
सुपौल (पंकज)
इंटर ही नहीं, मैट्रिक परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन में भी घोटाला हुआ है. इसका खुलासा यहां स्क्रूटनी के बाद हुआ है. यहां वैशाली जिले की मैट्रिक परीक्षा की काॅपियों का मूल्यांकन किया गया था.
जानकारी के अनुसार मूल्यांकन के दौरान परीक्षक द्वारा दिये गये अंक और स्क्रूटनी के बाद प्राप्त अंक में काफी अंतर आ रहा है. वहीं, प्रत्येक काॅपी में अंदर के अंक और कुल प्राप्तांक में भी भिन्नता है.
इतना ही नहीं, स्क्रूटनी के दौरान यह बात भी सामने आ रही है कि परीक्षकों ने गलत उत्तर में भी अंक दिये हैं. बिहार बोर्ड के विशेष दूत बुधवार को जिले के मूल्यांकन केंद्र पहुंच कर कुछ विषयों की काॅपियों को सीलबंद कर बोर्ड ऑफिस ले गये, जबकि शेष विषयों की काॅपियां को दो-तीन दिनों के अंदर ले जाने की तैयारी की जा रही है. बोर्ड की इस कार्रवाई से जिले के परीक्षकों में हड़कंप है.
मालूम हो कि बिहार बोर्ड ने मैट्रिक परीक्षा, 2016 की काॅपियों के मूल्यांकन को लेकर विलियम्स उच्च माध्यमिक विद्यालय, सुपौल व हजारी उच्च माध्यमिक विद्यालय, गौरवगढ़, सुपौल को मूल्यांकन केंद्र बनाया था और दोनों विद्यालयों के प्राचार्य को केंद्र निदेशक की जवाबदेही सौंपी गयी थी.
मूल्यांकन के दौरान सदर एसडीओ ने परीक्षकों की गड़बड़ी पकड़ी थी. इसके बाद बवाल हुआ और अंतत: एसडीओ के मूल्यांकन केंद्र के भीतर प्रवेश पर रोक लगा दी गयी थी.
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