नियम के विरुद्ध सेवा विस्तार
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आरोप . आय का वितरण कार्यरत शिक्षकों के बीच नहीं किया
नियम के विरुद्ध सेवा विस्तार त्रिवेणीगंज स्थित ललित नारायण विज्ञान महाविद्यालय के प्रबंध समिति द्वारा नियम को ताक रख कार्य किया जा रहा है. जिसे लेकर शिक्षकों में आक्रोश है. प्राचार्य डॉ परमानंद यादव एक फरवरी 2016 को ही सेवानिवृत हो चुके हैं. बावजूद महाविद्यालय प्रबंध समिति द्वारा अवैध व गैर कानूनी तरीके से तीन […]
त्रिवेणीगंज स्थित ललित नारायण विज्ञान महाविद्यालय के प्रबंध समिति द्वारा नियम को ताक रख कार्य किया जा रहा है. जिसे लेकर शिक्षकों में आक्रोश है. प्राचार्य डॉ परमानंद यादव एक फरवरी 2016 को ही सेवानिवृत हो चुके हैं. बावजूद महाविद्यालय प्रबंध समिति द्वारा अवैध व गैर कानूनी तरीके से तीन वर्षों के लिए डॉ यादव का सेवा विस्तार किया गया है.
जबकि कॉलेज के शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों द्वारा प्राचार्य श्री यादव पर यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि कार्यकाल के दौरान कॉलेज को आधारभूत संरचना के माध्यम से हुई आय का वितरण कार्यरत शिक्षकों के बीच नहीं किया गया है. साथ ही श्री यादव द्वारा शिक्षकों को किसी प्रकार के आय- व्यय का लेखा जोखा दिया गया है.
सुपौल : बिहार सरकार मानव संसाधन विकास विभाग की अधिसूचना संख्या- 09/वि0वि0 परीक्षा समिति-8-375 दिनांक 08/07/2015- वि0वि0 समिति अधिनियम 1952 यथा संशोधित – 2011 के अध्याय -5 की धारा 17 के अनुसार कोई भी ऐसा प्राचार्य महाविद्यालय या विद्यालय में नियुक्त नहीं किया जा सकता है जो विद्यालय प्रबंध समिति के किसी सदस्य का संबंधी हो. लेकिन प्राचार्य श्री यादव का सगा भाई प्रो रामानंद यादव पूर्व में विद्यालय के सचिव भी रह चुके हैं.
साथ ही वर्तमान में वे बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा वर्तमान प्रबंध समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किये गये हैं. ऐसी स्थिति में प्राचार्य पद पर श्री यादव का तीन वर्ष के लिए सेवा का विस्तार किया जाना कानूनन अवैध है. बावजूद इसके प्रबंध समिति द्वारा इस कृत्य को अंजाम दिया गया है. ज्ञात हो कि बिहार इंटरमीडिएट शिक्षा परिषद(निरसित) से प्रस्वीकृत, अनुबंधित, संबर्द्धन प्राप्त सभी महाविद्यालय, प्लस टू विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के लिए निर्धारित सेवा निवृति आयु सीमा के अनुरूप 60 वर्ष निर्धारित है.
साथ ही शिक्षा परिषद के पूर्वानुमति के बिना संबंधित प्रबंध समिति द्वारा ना तो किसी शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों की सेवा समाप्त किया जायेगा और नहीं ही नयी नियुक्ति किये जाने का प्रावधान है. साथ ही शिक्षा परिषद द्वारा संबंधित प्रबंध समिति को समय – समय पर सभी कार्यवाहियों के अभिप्रमाणित प्रति बैठक के एक पखवाड़ा के भीतर कार्यालय को उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया गया है. उक्त नियमावली की जानकारी रहने के बावजूद महाविद्यालय के प्रबंध समिति द्वारा मनमरजी तरीके से कार्य किया गया है.
व्यवस्था में सुधार लाये जाने को लेकर परिवाद पत्र : महाविद्यालय की व्यवस्था में सुधार लाये जाने को लेकर कर्मियों ने स्थानीय एसडीओ सहित वरीय पदाधिकारियों को परिवाद पत्र समर्पित किया है. त्वरित कार्रवाई को लेकर दिये परिवाद पत्र में कर्मियों ने बताया है कि विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा विभागीय नियमावली का धज्जियां उड़ाते हुए सेवा निवृत प्राचार्य को मनमाने तरीके से तीन वर्षों के लिए प्राचार्य बना दिया गया है. विभागीय नियम के अनुसार सेवा निवृति के लिए उम्र सीमा 60 वर्ष निर्धारित हैं. जबकि प्राचार्य परमानंद यादव इस उम्र को पूर्ण कर चुके हैं.
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