शिक्षा विभाग के भ्रष्टाचार की गूंज दिल्ली तक -डीपीओ, डीइओ एवं प्राथमिक शिक्षा निदेशक को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश- बालिकाओं के संवर्धन हेतु जिले के 94 विद्यालयों में क्रय की गयी थी सामग्री-भुगतान नहीं होने पर आपूर्तिकर्ता ने दर्ज कराया मुकदमाप्रतिनिधि, सुपौल जिले के शिक्षा विभाग का भ्रष्टाचार एवं विवादों से गहरा रिश्ता रहा है. यहां विभागीय अधिकारी निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए अपनी मनमर्जी से काम करते हैं. यही वजह है कि अपनी कार्यशैली के लिए हमेशा सुर्खियों में रहने वाले इस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की गूंज अब दिल्ली तक पहुंच गयी है. इस बात का खुलासा दिल्ली के साकेत अदालत द्वारा जारी सम्मन के बाद हुआ है. जिसमें सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ, डीइओ एवं निदेशक प्राथमिक शिक्षा को न्यायालय द्वारा 13 जनवरी को उपस्थित होने का आदेश दिया गया है.क्या है मामलाबालिका शिक्षा के संवर्धन हेतु जिले के 94 विद्यालयों का चयन कर वर्ष 2011-12 में आदर्श संकुल विद्यालय घोषित किया गया. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा जारी आदेश के आलोक में एनपीइजीएल योजना के तहत चयनित विद्यालयों में अध्ययनरत बालिकाओं के लिए मीना किट क्रय करने का विभाग द्वारा निर्णय लिया गया. इसके लिए सरकार द्वारा प्रति विद्यालय 6919 रुपये की दर से राशि भी उपलब्ध करा दी गयी. लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं प्रधानाध्यापक की मिलीभगत से कई विद्यालयों में बिना किट क्रय किये ही राशि की निकासी कर ली गयी.यही वजह है कि किट आपूर्ति किये जाने के बाद आपूर्ति कर्ता को राशि का भुगतान नहीं किया जा सका.दीपायन इंटरप्राइजेज ने की आपूर्ति विभागीय निर्णय के आलोक में सर्व शिक्षा अभियान के तत्कालीन डीपीओ इरशाद अंसारी द्वारा 94 चयनित विद्यालयों को किट उपलब्ध कराने का आदेश दीपायन इंटरप्राइजेज नई दिल्ली को दिया गया.जिसके द्वारा जिले के सभी 94 आदर्श संकुल विद्यालयों को किट उपलब्ध करायी गयी.आपूर्ति के तीन वर्ष बाद मात्र 54 विद्यालयों के किट का भुगतान डीपीओ द्वारा किया गया.जबकि शेष 39 विद्यालयों को उपलब्ध कराये गये किट मद का 02 लाख 69 हजार 646 रुपये का भुगतान आपूर्तिकर्ता को नहीं किया गया.साकेत कोर्ट में दर्ज हुआ मामलातीन वर्ष तक भुगतान के लिए दौड़-धूप कर चुके दीपायन इंटरप्राइजेज द्वारा दिल्ली के साकेत कोर्ट में डीपीओ सर्व शिक्षा, डीइओ एवं निदेशक प्राथमिक शिक्षा के विरुद्ध मामला दर्ज कराया गया. मामले को गंभीरता से लेते हुए न्यायालय ने वाद संख्या 33830/15 के विरुद्ध सभी संबंधितों को 13 जनवरी 2016 को न्यायालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया है.हालांकि सूत्रों की माने तो इस मद के राशि की निकासी विद्यालय के खाते से की जा चुकी है.क्या है योजनाएनपीइजीएल योजना के तहत चयनित विद्यालयों में अध्ययनरत बालिकाओं के लिए खेल सामग्री उपलब्ध कराया जाना था. इसमें लूडो, कैरम, रंगोली सामग्री आदि के अलावा खेल से जुड़े सामानों की आपूर्ति की जानी थी. इसके लिए विभाग द्वारा 06 हजार 919 रुपये प्रति किट मूल्य का निर्धारण किया गया. लेकिन उक्त योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी.कहते हैं अधिकारी इस बाबत पूछने पर सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ दिनेश्वर यादव ने बताया कि न्यायालय द्वारा जारी आदेश के आलोक में उपस्थिति दर्ज कराने वे दिल्ली पहुंच गये हैं. बताया कि उनके पदस्थापन के बाद सभी बीइओ को भुगतान की दिशा में कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
शक्षिा विभाग के भ्रष्टाचार की गूंज दल्लिी तक
शिक्षा विभाग के भ्रष्टाचार की गूंज दिल्ली तक -डीपीओ, डीइओ एवं प्राथमिक शिक्षा निदेशक को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश- बालिकाओं के संवर्धन हेतु जिले के 94 विद्यालयों में क्रय की गयी थी सामग्री-भुगतान नहीं होने पर आपूर्तिकर्ता ने दर्ज कराया मुकदमाप्रतिनिधि, सुपौल जिले के शिक्षा विभाग का भ्रष्टाचार एवं विवादों से गहरा रिश्ता […]
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