फोटो-01,02केप्सन-पीएसएस में खराब पड़े ब्रेकर को दिखाता कर्मी व उपयोगविहीन उपकरणप्रतिनिधि, छातापुरगरमी में लगातार इजाफा हो रहा है. वहीं विभागीय उदासीनता के कारण प्रखंड क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति सपना बन कर रह गयी है. बिजली की अनियमित आपूर्ति ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. स्थानीय पीएसएस में 33 हजार मेगावाट पावर सप्लाइ वाले संचरण लाइन में अक्सर खराबी आती रहती है, जो विभागीय अधिकारियों के लिए बहाना साबित होती है और खामियाजा आम लोगों को उठाना पड़ता है. एक वर्ष में ही जर्जर हो गये उपकरणदरअसल पीएसएस निर्माण को अभी एक वर्ष भी पूरा नहीं हुआ है. निर्माण के बाद इसमें लगातार खराबी आती रही है. पीएसएस निर्माण के पहले वर्षगांठ के पूर्व ही अधिकतर उपकरण खराब हो चुके हैं. नतीजा है कि पीएसएस की क्षमता 33 हजार से घट कर 11 हजार मेगावाट हो गयी है. निर्माण कंपनी एसपीएमएल द्वारा विभागीय मिली भगत से पीएसएस निर्माण में अनियमितता बरती गयी. साथ ही पीएसएस हस्तानांतरण में भी नियमों की अनदेखी की गयी. निर्माण के बाद बिना गुणवत्ता जांच के ही पीएसएस विभाग के सुपुर्द कर दिया गया. पीएसएस में उपकरणों के खराब रहने की वजह से कर्मियों को जान खतरे में डाल कर पावर ट्रांसफर कार्य को अंजाम देना पड़ता है.पीएसएस में लगे उपकरणों की जांच प्रोजेक्ट मैनेजर द्वारा की जाती है. तकनीकी गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर उसे दुरुस्त कर लिया जाता है.नवीन कुमार मंडल, सहायक अभियंता, विद्युत कार्य प्रमंडल वीरपुर
तकनीकी कारणों से हो रही अनियमित विद्युत आपूर्ति, उपभोक्ता परेशान
फोटो-01,02केप्सन-पीएसएस में खराब पड़े ब्रेकर को दिखाता कर्मी व उपयोगविहीन उपकरणप्रतिनिधि, छातापुरगरमी में लगातार इजाफा हो रहा है. वहीं विभागीय उदासीनता के कारण प्रखंड क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति सपना बन कर रह गयी है. बिजली की अनियमित आपूर्ति ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. स्थानीय पीएसएस में 33 हजार […]
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