सुपौल. अल्पावास गृह के पूर्व आदेशपाल रंधीर कुमार ने डीएम के जनता दरबार में आवेदन देकर कार्य के एवज में लंबित मानदेय के भुगतान की मांग किया है. आवेदन में कहा गया है कि बिना किसी स्पष्ट कारण के 30 माह की सेवा के बाद उन्हें चयन मुक्त कर दिया गया. उनका कुल मानदेय 1.52 लाख रुपये होता है, लेकिन संस्था सचिव देव नारायण यादव द्वारा केवल 75 हजार 601 रुपये का भुगतान किया गया है. अभी भी 76 हजार 899 रुपये बकाया है, जो नहीं भुगतान किया जा रहा है. पूर्व में भी इसकी शिकायत जनता दरबार में की गयी, लेकिन विडंबना यह है कि हर बार जांच आइसीडीएस के डीपीओ को दे दी जाती है, जो संस्था सचिव से मिले हुए हैं. खास बात यह है कि इस बार भी जांच का आदेश डीपीओ आइसीडीएस को ही दिया गया है.
मानदेय भुगतान की मांग
सुपौल. अल्पावास गृह के पूर्व आदेशपाल रंधीर कुमार ने डीएम के जनता दरबार में आवेदन देकर कार्य के एवज में लंबित मानदेय के भुगतान की मांग किया है. आवेदन में कहा गया है कि बिना किसी स्पष्ट कारण के 30 माह की सेवा के बाद उन्हें चयन मुक्त कर दिया गया. उनका कुल मानदेय 1.52 […]
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